Russia Claims Us Trying to Interfere in Loksabha election: 13 मई को चौथे चरण की वोटिंग होगी….इस बीच रूस ने भारत के आम चुनाव को लेकर अमेरिका पर बड़ा आरोप लगाया है…रूस ने दावा किया है कि अमेरिका भारत के लोकसभा चुनावों में दखल देने और देश की आंतरिक राजनीति को Disbalance करने की कोशिश कर रहा है। यानी अमेरिका भारत के लोकसभा चुनाव में अड़ंगा डालने की कोशिश कर रहा है। रूस ने USCIRF की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए अमेरिका पर ये आरोप लगाया।
रूस ने पन्नू की मौत को लेकर उठाया सवाल
दरअसल, रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा से एक दिन पहले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में अमेरिका के भारत पर लगाए आरोपों पर सवाल पूछा गया। पन्नू के मामले में रूस ने भारत का समर्थन किया है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने अमेरिका पर सवाल उठाए…और भारत के लिए अपमानजनक बताया है। मारिया ने कहा -अमेरिका बेबुनियाद आरोप लगाकर भारत का अपमान कर रहा है। अमेरिका को अभी यह विश्वसनीय सबूत देना बाकी है कि खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ नाकाम हत्या की साजिश में भारतीय नागरिक शामिल थे। अमेरिका को भारत की राष्ट्रीय मानसिकता और इतिहास की समझ कम है। अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बिना किसी आधार के आरोप लगा रहा है।
अमेरिका ने भारत में चुनाव को लेकर क्या कहा था?
दरअसल, भारत में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अमेरिका की तरफ से भारत में धार्मिक आजादी यानी Religious Freedom और Discrimination को लेकर रिपोर्ट जारी की गई थी।हाल ही में अमेरिका की USCIRF यानी United States Commission on International Religious Freedom एजेंसी ने भारत की धार्मिक स्वतंत्रता पर टिप्पणी की थी…रिपोर्ट में ये कहा गया कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता निरंतर खराब हो रही है..बीजेपी ने ‘भेदभावपूर्ण’ राष्ट्रवादी नीतियों को बढ़ाया है..इसी रिपोर्ट को हवाला बनाते हुए रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाए हैं।
रूस पर भी निष्पक्ष चुनाव न कराने का आरोप लगा चुका है अमेरिका
दरअसल, अमेरिका इससे पहले रूस पर भी निष्पक्ष चुनाव न कराने का आरोप लगा चुका है। रूस में 15 से 17 मार्च के बीच जनरल इलेक्शन हुए थे। इसमें पुतिन 88% वोटों के साथ 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बने। जिसको लेकर अमेरिका ने आरोप लगाया था कि पुतिन देश में किसी भी विरोधी नेता को टिकने नहीं देते हैं…और रूस में निष्पक्ष चुनाव नहीं होते हैं। साल 2021 में अमेरिका की एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पुतिन ने डोनाल्ड ट्रम्प को फायदा पहुंचाने के लिए अमेरिकी चुनाव में दखल देने के ऑपरेशन को मंजूरी दी थी… इससे पहले साल 2016 के अमेरिकी चुनाव में भी रूस पर दखलअंदाजी के आरोप लगे थे।