Lateral Entry Row: UPSC के जरिए नौकरशाही में लेटरल एंट्री पर इन दिनों घमासान मचा हुआ था… और इस घमासान पर मोदी सरकार ने पूर्ण विराम लगा दिया है… दरअसल मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दिया है… इस संबंध में कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC चेयरमैन को पत्र लिखा है… और इस पत्र में लिखा गया है कि इस नीति को लागू करने में सामाजिक न्याय और आरक्षण का ध्यान रखा जाना चाहिए…
जितेंद्र सिंह ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
UPSC चेयरमैन को लिखे अपने पत्र में जितेंद्र सिंह ने कांग्रेस सरकारों में बिना आरक्षण के लेटरल एंट्री का भी जिक्र किया… उन्होंने लिखा कि कई मंत्रालयों और UIDAI के प्रमुखों जैसे पदों पर बिना आरक्षण की प्रक्रिया का पालन किए ही भर्तियां की गई थीं… यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि किस तरह कुख्यात राष्ट्रीय सलाहकार परिषद यानी NAC के सदस्य प्रधानमंत्री कार्यालय को नियंत्रित करने के लिए सुपर-ब्यूरोक्रेसी की तरह संचालित हो रहे थे. जितेंद्र सिंह के लेटर के कुछ ही देर बाद UPSC ने भी अपने लेटरल एंट्री वाले विज्ञापन को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया…लेटरल एंट्री पर तुरंत रोक वाले आदेश पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम मोदी सामाजिक न्याय के लिए जाने जाते हैं… यही वजह है कि बिना वक्त गंवाए लेटरल एंट्री पर रोक लगा दी…
विपक्ष ने बताई अपनी जीत
लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश आने के बाद विपक्ष काफी खुश है.. विपक्ष को लग रहा है कि ये उनकी जीत है.. जबकि केंद्रीय मंत्रियों का कहना है कि उनकी सरकार सामाजिक न्याय के लिए हमेशा से आगे रहती है… लेटरल एंट्री पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया..उन्होंने लिखा कि, ‘संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे… BJP की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे… मैं एक बार फिर कह रहा हूं – 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे.’