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Lateral Entry: जानिए लेटरल एंट्री का इतिहास?, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह सरकार में कैसे होता था लेटरल एंट्री

Lateral Entry Row: UPSC के जरिए नौकरशाही में लेटरल एंट्री पर इन दिनों घमासान मचा हुआ था… और इस घमासान पर मोदी सरकार ने पूर्ण विराम लगा दिया है… दरअसल मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दिया है..राहुल गांधी भले ही इसे जीत बता रहे हैं… आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करने की बात कह रहे हो… लेकिन मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री को लेकर जो पत्र UPSC की चेयरमैन को लिखा है.. उस पत्र में जितेंद्र सिंह ने लेटरल एंट्री की परंपरा 2005 में UPA सरकार की ओर से शुरू करने की बात कही… इसके अलावा सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का भी जिक्र किया कि कैसे उसके माध्यम से पीएमओ को कंट्रोल किया जाता था और वह सुपर-ब्यूरोक्रेसी बन गई थी… ऐसे में आपको राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के बारे में बताते हैं… जिसके जरिए बीजेपी ने कांग्रेस पर अटैक किया…आइए जानते हैं, आखिर क्या थी यह राष्ट्रीय सलाहकार परिषद और कैसे करती थी काम…

क्या है NAC?                                               

NAC यानी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का गठन 4 जून 2004 को किया गया

सोनिया गांधी इसकी चेयरपर्सन थी 

सलाहकार परिषद का उद्देश्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए सलाह देना 

NAC में सोनिया गांधी के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता, अर्थशास्त्री, नौकरशाही, राजनीतिज्ञ और उद्योगपति शामिल थे

UPA सरकार में इस परिषद का गठन हुआ और UPA सरकार जाते ही इसको DISSOLVE भी कर दिया गया…  दरअसल पिछले शनिवार को UPSC ने लेटरएल एंट्री को लेकर जब विज्ञापन दिया तो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव समेत तमाम नेताओं इसे लेकर केंद्र पर निशाना साधा… राहुल गांधी ने तो यहां तक कह दिया कि लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर सरकार SC,ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीनने का काम कर रही है… वहीं केंद्र सरकार ने कांग्रेस पर भ्रामक दावे करने का आरोप लगाया है…केंद्र का कहना है कि हमने तो ट्रांसपैरेंट तरीके से लेटरल एंट्री की है… जबकि कांग्रेस सरकार किसी भी प्रोफेशनल को ब्यूरोक्रेसी के टॉप पदों पर बैठा देती थी… वैसे देखे तो लेटरल एंट्री की शुरुआत मोदी सरकार के वक्त पर नहीं हुई… बल्कि नेहरु एरा से ही देखा जा रहा है… आपको पहले कुछ नाम दिखाते हैं… जिन्हें लेटरल एंट्री के जरिए प्रशासनिक महकमा में बडे़ पदों पर बैठाया गया… और आगे तफ्सील से इन नामों के साथ दूसरे नामों को बताएंगे…

लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्ति !                      

मंतोष सोढ़ी

आईजी पटेल

मनमोहन सिंह

मोंटेक सिंह अहलूवालिया

आरवी शाही

ये तो महज कुछ नाम है… अब आपको एक एक नाम और किसके प्रधानमंत्री काल में कौन से महकमे की जिम्मेदारी किसको दी गई… उसके बारे में आपको बताते हैं… वैसे देखे तो नेहरू जी जब प्रधानमंत्री थे… तब उन्होंने कई ऐसी नियुक्तियां की… जो आज के लेटरल एंट्री की तरह है… 

नेहरू एरा में ‘लेटरल एंट्री’ कनेक्शन !                      

1959 में जवाहर लाल नेहरू ने औद्योगिक प्रबंधन पूल की शुरुआत की

मंतोष सोढ़ी जैसे लोगों को सरकार में शामिल किया

नेहरू काल में मंतोष सोढ़ी भारी उद्योग सचिव बने

वी कृष्णमूर्ति की PM नेहरू ने लेटरल एंट्री करवाई

BHEL, SAIL में सफलतापूर्वक संचालने करने का तोहफा वी कृष्णमूर्ति दिया

नेहरू एरा में वी कृष्णमूर्ति भारी उद्योग सचिव बने

1954 में आईजी पटेल IMF से उप आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए 

नेहरू जी ने बाद में आर्थिक मामलों के सचिव और RBI गवर्नर बने।

जवाहर लाल नेहरू ने जो परंपरा शुरू की थी.. वो परंपरा आगे भी जारी रही… कांग्रेस राज में कई ऐसे लोगों को ब्यूरोक्रेसी में टॉप पोस्ट दी गई… जो ब्यूरोक्रेट नहीं थे… लेकिन अच्छे प्रोफेशनल थे… मगर अच्छी काबिलियत की वजह से उन्हें मंत्रालय में टॉप पोस्ट नवाजा गया…

इंदिरा गांधी राज का ‘लेटरल एंट्री’ कनेक्शन !    

मनमोहन सिंह को मंत्रालय में लाया गया

1971 में मनमोहन सिंह को वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया

इंदिरा गांधी के बाद जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने भी लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्त की…

राजीव गांधी राज का ‘लेटरल एंट्री’ कनेक्शन !   

केरल इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के अध्यक्ष केपीपी नांबियार को इलेक्ट्रॉनिक्स सचिव नियुक्त किया 

सैम पित्रोदा सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) का नेतृत्व किया

1980 और 1990 के दशक में सरकार में शामिल होने वाले कई अर्थशास्त्री अतिरिक्त सचिव स्तर पर आए और फिर सचिव स्तर के पदों पर आसीन हुए… इसी तरह से अटल बिहारी वाजपेयी ने निजी क्षेत्र के प्रोफेशनल को मंत्रालय में टॉप पोजिशन दी…

वाजपेयी राज का ‘लेटरल एंट्री’ कनेक्शन !                      

पूर्व पीएम वाजपेयी ने आरवी शाही को ऊर्जा सचिव के रूप में नियुक्त किया

आरवी शाही निजी क्षेत्र में काम करते थे

Sumit Jha
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Sumit Jha is full time content writer in DK News India, He give his thoughts on politics, viral news, business news and many more topics

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