Rail Force One Train: रूस-यूक्रेन युद्ध के ढाई साल बाद पीएम मोदी शांतिदूत बनकर यूक्रेन दौरे पर जा रहे हैं.पीएम मोदी अभी पोलैंड के दौरे पर हैं आज ही वे ट्रेन के जरिए 10 घंटे का सफर करके यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचेंगे..वहीं पीएम मोदी जिस ट्रेन से कीव जाएंगे उसकी चर्चा अब खूब हो रही है. इस रिपोर्ट के जरिए हम आपको इस ट्रेन की खास बात बताएंगे.दरअसल, जिस ट्रेन को दुनिया War Train कहती है…उस ट्रेन का नाम है – ‘Rail Force One’ जो अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक विमान Airforce-1 से Inspired है।
ये ट्रेन पोलैंड से कीव के बीच चलती है…और इस ट्रेन को वारसॉ से कीव पहुंचने में 10 घंटे का समय लगता है..इस दौरान ये ट्रेन 700 किलोमीटर की दूरी तय करती है। मतलब ये कि पीएम मोदी ‘Rail Force One’ ट्रेन में बैठकर 10 घंटे का सफर तय करने के बाद कीव पहुंचेंगे…। और आने जाने में लगभग 20 घंटे का समय लगेगा।
Rail Force-1 की ख़ासियत
इस वॉर ट्रेन में हर लग्जरी सुविधा मौजूद है।
इस ट्रेन को वर्ल्ड क्लास सर्विस के लिए जाना जाता है।
इस ट्रेन का इस्तेमाल VVIP गेस्ट को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है
इस ट्रेन के अंदर कॉन्फ्रेंस रूम और ऑफिस मौजूद है
इंटरनेट कनेक्टिविटी से ये ट्रेन पूरी तरह लैस है
विदेशी मेहमान के लिए इसमें एक लग्जरी रूम है
इसी लग्जरी रूम में पीएम मोदी कीव यात्रा तक ठहरेंगे
इस ट्रेन में अलग से शानदार डाइनिंग रूम है
ट्रेन में आलीशान सोफा और कई मेहमानों की सिटिंग का इंतजाम है।
ये धीमी रफ्तार से चलने वाली ट्रेन है, जो सिर्फ रात में चलती है।
इस ट्रेन की स्पीड 60-65 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होती।
‘Rail Force-1’ को साल 2014 में क्रीमिया जाने वाले पर्यटकों के लिए डिजाइन किया गया था। लेकिन रूस का कब्जा होने के बाद से इसे रायजनायिकों के लिए लगाया गया…अब तक 200 से अधिक विदेशी मेहमान और Diplomats और वर्ल्ड लीडर्स इस लग्जरी ट्रेन से यात्रा कर चुके हैं- रेल फोर्स वन में
मोदी से पहले Rail Force-1 में कौन-कौन सवार?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों
इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक
जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़
इसके साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की इस ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं जब भी उन्हें विदेश यात्रा पर जाना होता है। और अब जब PM मोदी इस हाईटेक सिक्योरिटी से लैस रेल फोर्स-1 ट्रेन में 10 घंटे की यात्रा कर कीव पहुंचेंगे..तो सबकी नजरें उनकी इस यात्रा पर होंगी। इतना ही समय पीएम मोदी को वापस लौटने में भी लगेगा। क्योंकि रूस-यूक्रेन जंग की वजह से एयरपोर्ट्स बंद हैं, सड़क से सफर जोखिम भरा हो सकता है। यही वजह है कि दुनिया के बड़े नेता जब भी यूक्रेन जाते हैं तो वे ट्रेन यात्रा को ही तरजीह देते हैं। वॉर जोन से गुजरने वाली ‘Rail Force-1’ चलती फिरती एक बख्तरबंद ट्रेन है…जो ना सिर्फ आधुनिक हथियारों से बल्कि हाईटेक सिक्योरिटी सिस्टम से लैस है-
वॉर जोन में ‘Rail Force-1’
‘Rail Force-1’ यूक्रेन की रेल सर्विस है
‘Rail Force-1’ एक बुलेट प्रूफ ट्रेन है
हाई सिक्योरिटी सिस्टम से लैस है ये ट्रेन
इसके संचालन को सीक्रेट रखा जाता है
ये ट्रेन वॉर जोन के बीच से होकर गुजरती है
इस ट्रेन को ट्रैक नहीं किया जा सकता है
ट्रेन में बख्तरबंद खिड़कियां लगी हैं
यह ट्रेन हाईटेक हथियारों से लैस है
बेहद सुरक्षित कम्युनिकेशन सिस्टम हैं
पूरे समय हाई-टेक सुरक्षाकर्मियों की टीम रहती है
जो लगातार सिक्योरिटी मॉनिटर करती है
इलेक्ट्रिक इंजन की जगह डीजल इंजन लगे हैं
इस बात का ध्यान रखा गया है कि अगर किसी वक्त पावर ग्रिड फेल हो जाए तो इस रेल के संचालन में कोई रुकावट ना आए…क्योंकि अगर वॉर जोन में अगर रेल लाइन के साथ-साथ यूक्रेन के इलेक्ट्रिक ग्रिड पर भी हमला होता है..जैसा की पहले इस तरह की यूक्रेन से ख़बरें आती रही हैं । ऐसे में अगर ट्रेन में इलेक्ट्रिक ग्रिड लगा होता है तो ये ठप पड़ जाएगी। जबकि डीजल इंजन पर इसका असर नहीं पड़ेगा। इसीलिए ‘Rail Force-1’ को डिजाइन किया गया है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से रेल नेटवर्क यहां की लाइफलाइन बन गया है। वैसे भी यूक्रेन का रेल रूट दुनिया के सबसे लंबे रेल नेटवर्क में शामिल है।