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PM Modi Poland Visit: पोलैंड के ‘जाम साहब स्मारक’ और कोल्हापुर स्मारक का भारत से क्या है कनेक्शन, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Kolhapur And Jamnagar Memorial: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिवसीय दौरे पर पोलैंड पहुंचे.इस दौरान वहा पर उनका जोरदार स्वागत किया गया.वहीं पीएम मोदी ने ‘जाम साहब स्मारक और कोल्हापुर स्मारक पहुंच कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.बता दे कि, पोलैंड के लोगों में भारत के दो राजाओं के चर्चे खूब होते हैं…आज भी पोलैंड की माएं बच्चों को भारत के वीर राजाओं की कहानियां सुनाती हैं…हमारे 2 महराजा के नाम पर स्मारक बने हुए हैं, सड़कों के नाम हैं…स्कूल कॉलेज हैं….

‘जाम साहब स्मारक’ क्या है

महाराजा जाम साहेब को पोलैंड में भगवान की तरह पूजा जाता है

महाराजा जाम साहब दिग्विजय सिंह रणजीत सिंह जी को याद किया जाता है

जाम साहब स्मारक गुजरात के जामनगर के पूर्व महाराजा को समर्पित

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके मानवीय प्रयासों के लिए याद किया जाता है

महाराजा ने USSR से भाग रहे सैकड़ों पोलिश बच्चों को शरण दी थी

पोलैंड में स्थित ये स्मारक उनकी विरासत को श्रद्धांजलि है

2016 में पोलिश संसद ने जाम साहब स्मारक की स्थापना की

पोलैंड में महाराजा के नाम पर कई सड़कों के भी नाम

पोलैंड के वारसॉ में एक स्कूल का नाम भी महाराजा के नाम पर रखा गया

वहीं ‘जाम साहब स्मारक’ के अलावा कोल्हापुर स्मारक भी पोलैंड में मौजूद है

कोल्हापुर स्मारक क्या है

कोल्हापुर के महाराज श्रीमंत राजश्री छत्रपति साहू का पोलैंड में बड़ा सम्मान

महराजा ने पोलैंड के करीब 5,000 नागरिकों को शरण दी थी

पोलिश नागरिक 1942 से 1946 तक महाराजा के संरक्षण में रहे

अब आपको गुजरात का जामनगर और पोलैंड के बीच का कनेक्शन के बारे में बताते हैं… ये कनेक्शन आज का नहीं बल्कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय का है…

क्या है जामनगर और पोलैंड के बीच कनेक्शन?

गुजरात के महाराजा जाम साहब दिग्विजय सिंह जी से जुड़ा है कनेक्शन

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान महाराजा ने पोलैंड के सैकड़ों नागरिकों को शरण दी थी

जब हिटलर ने पोलैंड पर आक्रमण कर दिया था

तब पोलैंड के सैनिकों ने 500 महिलाओं और 200 बच्चों को जहाज में बैठाकर विदा किया

सैनिकों ने उस समय कहा था कि जिस देश में शरण मिल जाए, वहां चले जाओ और फिर स्थिति नियंत्रण में होने पर वापस लौट आना

लेकिन पोलैंड के नागरिकों को किसी देश में शरण नहीं मिली

आखिर में पोलैंड नागरिकों का जहाज जामनगर के तट पर पहुंचा

तात्कालिन महाराजा जाम साहेब ने अपने महल का दरवाजा खोल दिया

ना केवल अपने यहां आश्रय दिया, बल्कि बच्चों को स्कूलों में दाखिला भी कराया

पोलैंड के ये शरणार्थी करीब 9 साल तक जामनगर में रहे

महाराजा ने लगभग 5,000 पोलिश बच्चों की मदद की थी

महाराजा की इसी दयालुता के कारण पोलैंड में जामनगर और महाराजा दिग्विजय सिंह की पूजा होती हैॉ

Sumit Jha
Sumit Jha
Sumit Jha is full time content writer in DK News India, He give his thoughts on politics, viral news, business news and many more topics

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