Parliment Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र कल यानी बुधवार से शुरू होने जा रहा है। शीतकालीन सत्र ऐसे दिन शुरू हो रहा है, जब दिल्ली में एमसीडी चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। वही उसके अगले दिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आएंगे। शीतकालीन सत्र में सरकार कई अहम बिल पेश करने वाली है। उधर विपक्ष की ओर से कई मुद्दे पर चर्चा के लिए लंबी सूची तैयार कर ली गई है।
शीतकालीन सत्र को लेकर कांग्रेस का कहना है कि वो सदन को बाधित नहीं करेगी और चर्चा पर जोड़ देगी। हालांकि इस बार के सत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद नहीं होंगे। इन दिनों वह भारत जोड़ों यात्रा पर है। उनकी गैर मौजूदगी में भी कांग्रेस कुछ प्रमुख मुद्दे तैयार की हैं, जिस पर संसद में चर्चा करने के लिए योजना बनाई है।
सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से ठीक पहले सरकार की ओर से बुलाई गई बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा के नेता और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन आदि मौजूद थे। बैठक में 31 दलों के ने हिस्सा लिया।सर्वदलीय बैठक के दौरान सभी दलों ने एक स्वर में सरकार के सामने अपने मुद्दे को रखा और सरकार से चर्चा कराने की मांग की। वहीं सरकार की ओर से प्रह्लाद जोशी ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि, बैठक में बुलाए गए 47 दलों में से 31 दलों ने हिस्सा लिया। सभी दलों ने अपने मुद्दे और विषय रखें। हमने कहा है कि सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष जैसे अनुमति देंगे, वह सभी विषयों पर चर्चा करेंगे।
17 दिन का है इस बार का शीतकालीन सत्र
इस बार संसद के शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान दोनों सदनों का कुल 17 बैठकें होंगी। संसद का शीतकालीन सत्र भले ही छोटा है, लेकिन सरकार ने इसमें ज्यादा से ज्यादा काम निपटाने का लक्ष्य रखा है। सूत्रों की मानें तो 17 दिन के इस सत्र में सरकार अब तक करीब 25 विधेयकों को पारित कराने का लक्ष्य रखा है। जिन्हें संसद की कार्यसूची में शामिल किया गया है। इनमें बायोलॉजिकल डायवर्सिटी, वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन विधेयक, फॉरेस्ट बिल आदि शामिल है। कई ऐसे विधेयक भी है जो पिछले शत्रुओं से ही सदन में अटके हुए हैं