Manipur Violence: हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक बार फिर शांति की कोशिश को बड़ा झटका लगा है। जानकारी के अनुसार मणिपुर की इंफाल जिले के अमीन लोक इलाके में हुई ताजा हिंसा में लोन 9 लोगों की मौत हो गई है। वहीं इस हिंसा में कई लोगों के घायल होने की भी सूचना आ रही है।न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार उग्रवादियों की ओर से मंगलवार 13 जून को अचानक की गई गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि, इस दौरान शरारती तत्वों ने अमीन लोग गांव के कई घरों में भी आग लगा दी। तामेंगलोंग जिले के गोबाजंग में भी कई लोगों के घायल होने की खबर है।
मरने वाले में एक महिला भी है शामिल
इंफाल ईस्ट के पुलिस आयुक्त शिवकांत सिंह ने बताया कि खमेनलोक इलाके में भड़की ताजा हिंसा में 9 लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हुए हैं। पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा रही है। वहीं एनडीटीवी की रिपोर्ट्स के मुताबिक मरने वाले 9 लोगों में एक महिला भी शामिल है। घायलों में कई लोगों को इंफाल में उपचार के लिए ले जाया गया है।
अमित शाह मणिपुर का कर चूके हैं दौरा
पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के ताजा दौर के बाद कर्फ्यू में ढीलको प्रतिबंधित कर दिया गया है।जो जातीय संघर्ष के कारण पिछले 1 महीने से अधिक समय से तनावपूर्ण है। मणिपुर में करीब 1 महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।राज्य में शांति बहाल करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का भी गठन किया था। जिसमें वहां के विपक्षी दलों के नेता और स्थानीय बुद्धिजीवी को भी शामिल किया गया था। वहीं अमित शाह खुद 3 दिनों तक मणिपुर में रह कर पुरे घटना की समीक्षा की थी।
इस वजह से हो रही है हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को पर्वतीय जिले में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थी। मणिपुर की 53% आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों-नगा और कुकी की आबादी 40% है और यह पर्वतीय जिलों में रहते हैं। हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 जिलों में से 11 में अभी भी कर्फ्यू लगा है जबकि पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।