Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता हैवानियत केस को लेकर लोगों का प्रदर्शन जारी है.आज कोलकाता में न्याय की मांग को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.वहीं प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जम कर झड़प देखने को मिला. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया.कोलकाता हैवानियत केस
सीबीआई की जांच में चौंकाने वाला ख़ुलासा
इधर सीबीआई की जांच में चौंकाने वाला ख़ुलासा हुआ है.. मुख्य आरोपी संजय रॉय जिस बाइक पर घूमा करता था… वो 2014 में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के नाम से रजिस्टर्ड है… अब सवाल उठता है कि जो शख़्स पुलिस कमिश्नर के नाम से रजिस्टर्ड बाइक पर घूम रहा हो… भला उसका कोई क्या बिगाड़ सकता था… क्या इसी रुतबे को संजय ने एक बेटी को नोंच खाने का सर्टिफ़िकेट मान लिया…
ममता की नेत्रियों की जुबान पर लगा ताला
बता दें कि, कोलकाता हैवानियत केस ममता बनर्जी के लिए संकट का सबब बन चुका है… जिस TMC ने सबसे ज़्यादा 38 प्रतिशत महिला सांसदों को संसद भेजा… देश का इकलौता राज्य जिसकी मुख्यमंत्री महिला हैं और जुझारू नेता भी.. हर मामले में अटैकिंग मोड पर रहना ममता बनर्जी की पर्सनालिटी है.. ममता बनर्जी चुप रहें ऐसा हो नहीं सकता… लेकिन कोलकाता कांड ने ममता और उनकी शेरनियों की ज़ुबान पर ताला लगा दिया है… तृणमूल की फ़ायर ब्रांड महिला सांसद भी इस मामले में बोलने की महज़ खानापूर्ति कर रही हैं… चाहे महुआ मोइत्रा हों या सयानी घोष… सांसद शताब्दी रॉय हों या शर्मिला सरकार.. सभी अभया के साथ हुई दरिंदगी के मामले में चुप हैं.. आम तौर पर ऐसा देखने को नहीं मिलता..



