यूपी की सियासत में पूर्वांचल सभी दलों के लिए काफी महत्व रखता है. यहां राजघरानों से लेकर बाहुबलियों का सियासत में काफी दबदबा है. राजनीतिक दल इन प्रभावशाली लोगों को अपने पाले में लाने के लिए कड़ी मशक्कत करते रहते हैं. ऐसा ही एक नाम है कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह या आरपीएन सिंह का है. जो पूर्वांचल में कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे हैं. लेकिन आज उन्होंने हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा है. आरपीएन सिंह यानी रतनजीत प्रताप नारायण सिंह, कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं. आरपीएन सिंह एक लंबा सियासी सफर तय कर चुके हैं. यूपीए सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे और एक समय था जब कुशीनगर का पडरौना विधानसभा आरपीएन का गढ़ कहा जाता था. 2009 में लोकसभा सांसद चुने जाने तक वे यहां से तीन बार विधायक रहे.
2007 में भी उन्होंने ये सीट कांग्रेस के लिए जीती थी. 2009 में आरपीएन के सांसद बनने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य की इस सीट पर एंट्री हुई और उपचुनाव में वे जीत गए. वही दूसरी ओर राजनीतिक पंडितों का मानना है कि सिंह के बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों पर प्रभाव पड़ेगा. पडरौना विधानसभा सीट से वे विधायक रहे हैं और हाल ही में बीजेपी से बागी हुए स्वामी प्रसाद मौर्य भी इसी सीट से चुनावी मैदान में उतरने का विचार बना रहे थे. लेकिन अब कहा जा रहा है कि स्वामी अब सपा से अन्य सीट पर चुनाव लड़ने की मांग कर रहे हैं.