यूपी विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों जोरो पर है. सभी राजनीतिक पार्टियां पूरे दमखम के साथ चुनावी रण में अपनी-अपनी किस्मत आजमा रही है. इसी कड़ी में ना दल कमेरावादी की नेता डॉक्टर पल्लवी पटेल सिराथू सीट से चुनाव लड़ने पर सहमत हो गई हैं. बता दें कि हाल ही में चर्चा हो रही थी कि पल्लवी पटेल सिराथू से चुनाव नहीं लड़ेगी. लेकिन अब साफ हो गया है कि वो समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगी. इस सीट पर बीजेपी ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को अपना उम्मीदवार बनाया है. पहले ऐसी खबरें थीं कि पल्लवी पटेल सिराथू से चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
लेकिन अब अपना दल कमेरावादी के प्रवक्ता लक्ष्मी चंद कसेरा ने पल्लवी पटेल के सिराथू से ही चुनाव लड़ने की पुष्टि की है. समाजवादी पार्टी ने अपना दल कमेरावादी से गठबंधन के बाद पल्लवी पटेल को सिराथू सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था. वही पल्लवी पटेल 8 फरवरी को अपना नामांकन दाखिल करेंगी.
पहले ऐसी खबरें आई थीं कि पल्लवी पटेल सिराथू सीट से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं. लेकिन सपा नेताओं से बातचीत के बाद वो सिराथू सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गई हैं. पल्लवी पटेल के नामांकन में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव शामिल हो सकती हैं.
बीजेपी ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को उनके गृह नगर सिराथू से उम्मीदवार घोषित किया है. इस वजह से सिराथू प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीटों में शामिल हो गई है. पूरे प्रदेश की निगाह अब सिराथू के चुनाव और परिणाम पर लगी हुई हैं. इस सीट को लेकर अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया है कि डिप्टी सीएम के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी उतारने के साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो वो खुद सिराथू आकर साइकिल चलाएंगे. बता दें कि पल्लवी पटेल सिराथू से चुनाव लड़ने की इच्छुक नहीं थी.
वो प्रयागराज की इलाहाबाद पश्चिमी या फिर प्रतापगढ़ की सदर सीट से चुनाव लड़ना चाहती थी. प्रतापगढ़ की सदर सीट से उनके नाम का पर्चा भी खरीद लिया गया था. फिलहाल इस पर उनकी पार्टी की ओर से कोई बयान भी सामने नहीं आया था. इससे सिराथू से पल्लवी की उम्मीदवारी पर संशय बना हुआ था. लेकिन अब साफ हो गया है कि पल्लवी सिराथू से ही अपनी भाग्य आजमाएंगी. डिप्टी सीएम केपी मौर्य के सिराथू से चुनाव लड़ने की वजह से ये सीट बेहद हॉट बन गई है. प्रदेश की जनता की निगाह इस सीट पर बनी हुई है कि आखिरकार इस सीट पर किस पार्टी को जीत मिलेगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि सिराथू की जनता विधायक के रूप में किसको मौका देती है और किसको सिराथू से हार का सामना करना