भारतीय क्रिकेट टीम के चयन में हाल के दिनों में कई बदलाव देखे गए हैं, जिसमें खिलाड़ियों के प्रदर्शन और उनके चयन में कोच की भूमिका अहम रही है। टीम इंडिया के मुख्य कोच के पद पर राहुल द्रविड़ की नियुक्ति के बाद से चयन प्रक्रिया में एक नई सोच और रणनीति दिखी है। अब टीम चयन में सिर्फ आंकड़ों और पुराने रिकॉर्ड्स पर ध्यान नहीं दिया जाता, बल्कि खिलाड़ियों के कौशल, समर्पण, और फिटनेस के साथ-साथ कोच की पसंद और उनकी रणनीति के मुताबिक खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है। इसे ‘गंभीर इंपैक्ट’ का नाम दिया जा सकता है, जहां कोच के पसंदीदा खिलाड़ियों के लिए टीम इंडिया के दरवाजे खुल रहे हैं।
कोच की भूमिका और खिलाड़ियों का चयन
राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का मुख्य कोच बनने के बाद से एक नई टीम संस्कृति का निर्माण देखा गया है। द्रविड़ ने घरेलू क्रिकेट और भारत ‘ए’ टीम के साथ अपने अनुभव का पूरा फायदा उठाते हुए टीम के चयन में खास योगदान दिया है। उनके कार्यकाल में, कई युवा और होनहार खिलाड़ियों को भारतीय टीम में जगह मिली है, जिन्होंने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया था।
द्रविड़ के समय में कई ऐसे खिलाड़ी टीम में आए हैं जो उनके अंडर-19 और ‘ए’ टीम के कोचिंग कार्यकाल के दौरान उनकी निगरानी में खेले थे। इनमें शुभमन गिल, पृथ्वी शॉ, नवदीप सैनी और ऋतुराज गायकवाड़ जैसे खिलाड़ी शामिल हैं, जो घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे और कोच के भरोसे के चलते उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला।
फिटनेस और अनुशासन का महत्व
टीम चयन में अब फिटनेस और अनुशासन को भी अहमियत दी जा रही है। राहुल द्रविड़ का मानना है कि सिर्फ प्रतिभा ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों का शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना भी महत्वपूर्ण है। कई खिलाड़ी जिन्होंने फिटनेस मानकों को पूरा किया है, उन्हें टीम में प्राथमिकता मिली है। यह द्रविड़ के नेतृत्व में एक सख्त और पेशेवर दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिससे भारतीय टीम को एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी टीम के रूप में तैयार किया जा सके।
रणनीतिक बदलाव
टीम चयन में बदलाव सिर्फ खिलाड़ियों के प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भी देखा गया है कि खिलाड़ियों को विभिन्न परिस्थितियों और मैचों में कैसे फिट किया जा सकता है। द्रविड़ और कप्तान के बीच समन्वय ने इस रणनीति को सफल बनाया है, जहां खिलाड़ियों को उनके स्किल सेट के अनुसार अवसर दिए जा रहे हैं। कोच की योजना के अनुसार, कुछ विशेष खिलाड़ियों को बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जा रहा है, जिससे भविष्य में भारतीय क्रिकेट और भी मजबूत हो सके।
भारतीय क्रिकेट टीम के चयन में कोच राहुल द्रविड़ की रणनीतिक सोच और उनके खास खिलाड़ियों को मौका देने का असर साफ दिखाई दे रहा है। यह टीम चयन की प्रक्रिया में एक सकारात्मक बदलाव है, जो आने वाले समय में टीम इंडिया को और भी ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। खिलाड़ियों की फिटनेस, अनुशासन और सही समय पर सही प्रतिभाओं को पहचानने की कोच की क्षमता ने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी है।