सरोजनी नगर से कटा बचपन से हम सभी ने दो बिल्लियों की कहानी तो जरुर सुनी होगी. जिसमें दो बिल्लियों की लड़ाई में बंदर को फायदा हो जाता है. कुछ ऐसा ही मामला लखनऊ से आया है. जहां लखनऊ की सरोजनी नगर सीट भी पति-पत्नी की ऐसी ही लड़ाई के चलते सुर्खियों में आ गई. इस सीट पर योगी सरकार की मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह दोनों ही अपनी दावेदारी पेश रहे थे. लेकिन बीजेपी ने एक झटके में इस विवाद को सुलझा दिया. इस सीट पर न तो स्वाति सिंह को ही टिकट मिला और न ही उनके पति दयाशंकर सिंह को बीजेपी ने इस सीट से ED के ज्वाइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह को मैदान में उतार दिया है.
सुनने में भले ही आपको थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा. लेकिन मजेदार बात ये है कि पति-पत्नी होने के बावजूद दोनों एक दूसरे का ही पत्ता साफ करने में लगे हुए थे. लेकिन इस आपसी जंग में किसी तीसरे ने मौके का फायदा उठा लिया. भले ही बीजेपी ने दयाशंकर को भी टिकट न दिया हो लेकिन उनका कहना है कि राजेश्वर सिंह उनके परिवार जैसे हैं और वो उनका पूरा समर्थन करेंगे. बता दें कि राजेश्वर सिंह प्रवर्तन निदेशालय के ज्वाइंट डायरेक्टर रह चुके हैं. यूपी चुनाव में सरोजनी नगर सीट पर सभी की निगाह टिकी हुई थी कि इस सीट पर बीजेपी किसे अपना उम्मीदवार बनाती है. स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह दोनों ने इस क्षेत्र में अपने पोस्टर और बैनर लगवाने शुरू कर दिए थे और लोगों के बीच जाकर प्रसार-प्रसार भी कर रहे थे.
दिल्ली में टिकटों को लेकर मंथन चल रहा था तो दयाशंकर दिल्ली पहुंच गए टिकट मांगने. ये खबर जैसे ही स्वाति सिंह को लगी वो भी पीछे नहीं रहीं और आलाकमान से पति की शिकायत करने पहुंच गईं. बता दें कि हाल ही में स्वाति सिंह का एक ऑडियो भी सामने आया था. जिसमें वो अपने पति दयाशंकर पर मारपीट का आरोप लगाते सुनाई दे रही थीं. दयाशंकर सिंह बीजेपी के मंझे हुए नेता माने जाते हैं लेकिन साल 2016 में बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर विवादित टिप्पणी ने सबकुछ बदल दिया. उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया और इस दौरान बीएसपी कार्यकर्ताओं ने उनके घर के सामने जमकर प्रदर्शन किया.
साथ ही उनकी पत्नी और बेटी को लेकर आपत्तिजनक नारेबाजी भी की. जिससे नाराज होकर दयाशंकर की पत्नी यानी की स्वाति सिंह ने भी मोर्चा खोल दिया. स्वाति सिंह के तेवरों को देखते हुए 2017 में बीजेपी ने उन्हें सरोजनी नगर सीट से टिकट दिया और वो चुनाव भी जीत गई. जिसके बाद योगी सरकार में वो बाल विकास मंत्री बन गईं. खास बात ये कि स्वाति सिंह का सितारा विवादों से ही चमका था. यही वजह है कि उन्हें एक्सीडेंटल राजनेता भी कहा है. विवादों से चमकी और विवादों से ही उनका टिकट भी कट गया.