Google CEO Sundar Pichai’s Chennai home sold: दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी में से एक गूगल(Google) के भारतीय मूल के सीईओ(CEO) सुंदर पिचाई(Sundar Pichai) ने जिस घर में अपना बचपन से लेकर जवानी तक गुजारा था, उसे उन्हें बेचना पड़ा। चेन्नई के एक रिहायशी इलाके में स्थित यह घर सुंदर पिचाई का पुश्तैनी मकान था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घर को बेचते वक्त सुंदर पिचाई के पिता की आंखों में आंसू आ गए। इस घर से उनकी कई पुरानी खट्टी-मीठी यादें जुड़ी हुई थी। सुंदर पिचाई भी जन्म से लेकर 20 वर्ष की आयु तक इसी मकान में रहे थे।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुंदर पिचाई का यह पैतृक आवास तमिल फिल्म इंडस्ट्री के डायरेक्टर सी मणिकंदन ने खरीदा है। यह घर कितने में बिका है और उन्हें क्यों बेचना पड़ा इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। लेकिन इस घर को बेचते समय सुंदर पिचाई के पिता बहुत दुखी थे। इस बात की चर्चा चारों तरफ हो रही है।
चेन्नई में इस जगह था घर
सुंदर पिचाई का यह घर चेन्नई के एक रेजिडेंशियल एरिया अशोक नगर में स्थित है। सुंदर पिचाई फिलहाल अमेरिका में रहते हैं, लेकिन उनका पैतृक घर यही था। जिसमें वह जन्म से लेकर 20 साल की उम्र तक रहे थे। उनका पालन पोषण इसी घर में हुआ था। साल 1989 में इंजीनियरिंग करने के लिए आईआईटी खड़गपुर चले गए थे। फिर वहां से उनकी नौकरी लग गई। कुछ वर्षो बाद वो अपने माता पिता के साथ अमेरिका में सेटल हो गए। फिर यहां ना के बराबर आना होता था। हालांकि उनके पिता पहले यहां बराबर आते रहते थे। लेकिन कुछ वर्षों से वो भी यहां आना कम कर दिया था।
4 महीने लगे इस घर को खरीदने में
रिपोर्ट के अनुसार तमिल फिल्म इंडस्ट्री के डायरेक्टर मणिककंदन ने जब सुना कि पिचाई का घर बेचा जा रहा है तो उन्होंने तुरंत इसे खरीदने का मन बना लिया। हालांकि इस घर को खरीदने में उन्हें 4 महीने से ज्यादा का वक्त लगा। इसकी वजह यह थी कि सुंदर पिचाई के पिता आरएस पिचाई अमेरिका में रहते थे। इसके बाद मणिकंदन की फोन से सुंदर पिचाई के पिता से बातचीत की। डील फाइनल होने पर होने पर आरएस पिचाई इंडिया आए फिर उन्होंने इस घर की रजिस्ट्री की।
घर का चाभी सौंपते हुए रोने लगे सुंदर पिचाई के पिता
माणिकंदन ने बताया कि, जब सुंदर पिचाई के पिता आरएस पिचाई घर की रजिस्ट्री हो जाने के बाद चाबी उन्हें सौंप रहे थे, तो उनके आंखों में आंसू आ गए। यह उनकी पहली संपत्ति थी। इसमें उनके परिवार के कई बेशकीमती साल गुजरे थे, यही वजह था कि अपनी संपत्ति से उन्हें विशेष लगाव था। इस घर को खुद से दूर होने की सोच कर वह भीतर ही भीतर रो रहे थे। माणिकंदन ने आगे कहा कि, मैंने उन्हें समझाते हुए कहा सुंदर पिचाई ने भारत का नाम रोशन किया है मैं इस घर को आपके यादगार घर के तौर पर संभाल कर रखूंगा और आप जब चाहे तो यहां आ सकते हैं। वहीं सुंदर पिचाई के घर के अगल-बगल रहने वाले लोगों का कहना है कि जब सुंदर पिचाई दिसंबर में चेन्नई आए थे तो वे सिक्योरिटी गार्ड को कुछ नकदी और घर के सामान दिए थे।