Manipur Violence: मणिपुर में पिछले 1 महीने से ज्यादा समय से जारी हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री एम वीरेंद्र सिंह ने लोगों को चेतावनी दी। उन्होंने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर उन्होंने राज्य में हिंसा बंद नहीं की तो उन्हें नतीजे भुगतने होंगे। रविवार रात पश्चिम जिले में अज्ञात व्यक्तियों की ओर से अकारण हुई गोलीबारी में एक सैनिक के घायल होने पर हुए प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। सिंह ने आगे कहा, ‘इसे (हिंसा) को बंद कीजिए, वरना परिणाम भुगतने होंगे।’
सीएम ने कहा कि, मैं हथियार थामे हुए लोगों से अपील करता हूं कि वे किसी भी पर हमला ना करें और शांति बनाए रखें जिससे हम राज्य में सामान्य हालात बहाल कर सकें।
अमित शाह मणिपुर का कर चूके हैं दौरा
पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के ताजा दौर के बाद कर्फ्यू में ढील को प्रतिबंधित कर दिया गया है।जो जातीय संघर्ष के कारण पिछले 1 महीने से अधिक समय से तनावपूर्ण है। मणिपुर में करीब 1 महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।राज्य में शांति बहाल करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का भी गठन किया था। जिसमें वहां के विपक्षी दलों के नेता और स्थानीय बुद्धिजीवी को भी शामिल किया गया था। वहीं अमित शाह खुद 3 दिनों तक मणिपुर में रह कर पुरे घटना की समीक्षा की थी।
इस वजह से हो रही है हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को पर्वतीय जिले में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थी। मणिपुर की 53% आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों-नगा और कुकी की आबादी 40% है और यह पर्वतीय जिलों में रहते हैं। हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 जिलों में से 11 में अभी भी कर्फ्यू लगा है जबकि पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।