Jain Aacharya Vidyasagar Ji Samadhi: जैन समाज के वर्तमान के महावीर कहे जाने वाले आचार्य विद्यासागर महाराज ने देह त्याग दी है और पूरी विधि के साथ समाधि ली। बता दें कि, रात 2.35 बजे उनकी देह इस संसार को छोड़ दी।वह आचार्य ज्ञानसागर के शिष्य थे। जब आचार्य ज्ञानसागर ने समाधि ली थी तब उन्होंने अपना आचार्य पद मुनि विद्यासागर को सौंप दिया था। वहीं जैन धर्म के सबसे बडे़ आचार्य के निधन से पूरे जैन समाज में शोक की लहर है। पीएम मोदी गृह मंत्री अमित शाह सहित सभी दलों के नेताओं नई आचार्य के निधन पर दुख व्यक्त किया है।
BJP राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रखा गया मौन
दिल्ली में चल रहे दो दिवसीय भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं ने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के निधन पर एक मिनट का मौन रख कर जैन मुनि को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीएम मोदी ने दुख व्यक्त किया
PM मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया कि, ‘आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था। समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।’
‘अंतिम साँस तक सिर्फ मानवता के कल्याण….’
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने दुख व्यक्त करते हुए लिखा, महान संत परमपूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जैसे महापुरुष का ब्रह्मलीन होना, देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी अंतिम साँस तक सिर्फ मानवता के कल्याण को प्राथमिकता दी। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि ऐसे युगमनीषी का मुझे सान्निध्य, स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा। मानवता के सच्चे उपासक आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। वे सृष्टि के हित और हर व्यक्ति के कल्याण के अपने संकल्प के प्रति निःस्वार्थ भाव से संकल्पित रहे।