Haryana Political Crisis: हरियाणा में एक बार फिर राजनीतिक संकट गहरा गई है. 3 निर्दलीय विधायकों ने प्रदेश की बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है. इस ऐलान के बाद के बाद से हरियाणा की नायब सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है. निर्दलीय विधायकों ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को समर्थन करने का ऐलान किया है. बता दे कि, कुछ दिन पहले ही हरियाणा में मनोहर लाल को CM पद से हटाकर नायब सैनी को CM बनाया था.
निर्दलीय विदायकों ने सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंधेर ने समर्थन वापस लेते हुए कहा कि, ‘जिस समय उन्हें सरकार बनाने के लिए हमारे समर्थन की ज़रूरत थी, हमें बार-बार बुलाया गया…हमने तय किया था कि जब तक मनोहरलाल खट्टर सत्ता में हैं, तब तक हम समर्थन करेंगे। हमें दुख है कि वह अब सत्ता में नहीं हैं…किसानों के हित में हम सरकार से समर्थन वापस लेते हैं. वहीं निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन ने कहा कि, ”पिछले साढ़े चार साल से हमने बीजेपी को समर्थन दिया था. आज बेरोजगारी और महंगाई अपने चरम पर है. इसे देखते हुए हमने अपना समर्थन वापस ले लिया है.” सरकार से)”
जानिए सीएम नायब सैनी ने क्या कहा?
वहीं सरकार से समर्थन वापस लेने पर हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने कहा कि, कुछ निर्दलीय विधायकों द्वारा कांग्रेस का समर्थन करने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “विधायकों की कुछ इच्छाएं होती हैं, कांग्रेस आजकल इच्छाएं पूरी करने में लगी हुई है। लोग सब जानते हैं कि किसकी क्या इच्छा है। कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से मतलब नहीं है।”
‘प्रदेश में हालात भाजपा के खिलाफ बन गए हैं’
वहीं रोहतक लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुडा ने पूरे घटनाक्रम पर कहा कि, “प्रदेश में हालात भाजपा के खिलाफ बन गए हैं। बदलाव निश्चित है। भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। इन्होंने 48 विधायकों की सूची दी है, उनमें से कुछ विधायकों के इस्तीफे हुए हैं क्योंकि वे लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। कुछ निर्दलीय विधायकों ने आज भाजपा से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन देने का काम किया।”