Germany On Rahul Gandhi’s Disqualification: मोदी सरनेम आपराधिक मानहानि के मामले में सूरत जिला आदालत द्वारा राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद की सदस्यता रद्द कर दी। इस मामले को लेकर कांग्रेस सहित पूरे विपक्षी दल देश भर में जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस खबर को दुनिया भर के तमाम मीडिया ने प्रमुखता से जगह दी थी। कई देशों की मीडिया ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ़ बताते हुए सरकार पर सवाल उठाया। अब इस मामले पर जर्मनी ने प्रतिक्रिया दी है।
‘मौलिक अधिकार को ध्यान में रख कर कार्रवाई की गई होगी’
जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमारी जानकारी में राहुल गांधी के दोषी पाए जाने के बाद उनके पास अभी भी हायर कोर्ट में अपील करने का विकल्प मौजूद है। प्रवक्ता ने आगे कहा, हमें भरोसा है कि राहुल गांधी पर कार्रवाई करते समय, या कि उनके पक्ष को सुनते समय न्यायिक स्वतंत्रता और उनके(राहुल के) मौलिक अधिकारों का ध्यान रखा जाएगा।
राहुल गांधी मामले में जर्मनी के विदेश मंत्रालय के बयान के बाद अभी तक भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
कोई भी सुप्रीम कोर्ट से ऊपर नहीं है- अनुराग ठाकुर
राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, उनकी संसद सदस्यता रद्द होना, या उनके मानहानि के मामले में दोषी ठहराना ठहराया जाना भारत का आंतरिक मामला है। इस देश में कोई भी सुप्रीम कोर्ट से ऊपर नहीं है और इसके लिए न्यायिक और संवैधानिक संस्थाएं हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला?
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि, आखिर सभी चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों होते हैं? इस टिप्पणी पर काफी बवाल मचा था। जिसके बाद बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करवाया था। कहा गया कि, राहुल गांधी का बयान पूरे मोदी समाज के लिए अपमानजनक है और इससे पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया गया है।