Gandhi Shanti Puraskar: हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथों और ऐतिहासिक कहानियों को अपने प्रकाशन के माध्यम से दुनिया भर में भारतीय संस्कृति सभ्यता को जीवित रखने में अहम योगदान निभाने वाले गीता प्रेस गोरखपुर को इस बार वर्ष 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में विचार विमर्श के बाद सर्वसम्मति से गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार देने का फैसला किया गया।संस्कृति मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
पुरस्कार में 1 करोड़ की राशि दी जाएगी
गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थापित एक प्रतिष्ठित वार्षिक पुरस्कार है। जो वर्ष 1995 से हर साल दिया जाता है। पुरस्कार में 1 करोड़ की राशि के साथ एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। पिछले पुरस्कार विजेताओं में इसरो, रामकृष्ण मिशन, बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी,अक्षय पात्र बेंगलुरु, एकल अभियान ट्रस्ट और सुलभ इंटरनेशनल जैसे संगठन को दिया जा चूका है।
समाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के मिलेगा सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गांधी शांति पुरस्कार को लेकर चर्चा हुई और सर्वसम्मति से गीता प्रेस गोरखपुर को वर्ष 2021 के लिए इस पुरस्कार को देने का फैसला लिया गया। बता दें कि, गीता प्रेस गोरखपुर को सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया है जा रहा है।
100 वर्ष पुरे कर चूका है यह प्रेस
अगर हम गीता प्रेस की बात करें तो इस प्रेस की कोई ना कोई किताब भारत सहित दुनियाभर में रहने वाले हिंदुओं की एक घर में जरूर मिल जाएंगे। गीता प्रेस की स्थापना साल 1923 में हुई थी। इसी साल यह प्रकाशन 100 साल पूर्ण किए हैं। वर्तमान समय में यह प्रेस दुनिया की सबसे बड़ी प्रकाशन कंपनी में से एक है। जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की है। इन किताबों में 16.1 करोड़ श्रीमद्भागवत गीता शामिल है।