FIR on Priyanka Gandhi and Kamalnath: मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। वैसे ही प्रदेश की राजनीति लगातार गर्म हो रही है। एमपी में इस साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। उससे पहले ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच वार प्रतिवार शुरू हो चुके हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से चुनाव जीत कर सरकार बनाने की दवा कर रही है। तो वहीं कांग्रेस पार्टी सत्ता परिवर्तन का दंभ भर रही है। इसी बीच भोपाल और इंदौर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कई कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। जिसके बाद एक बार फिर से प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
50% कमीशन वाली सरकार का लगाया आरोप
मीडिया की खबर अनुसार, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि, इन नेताओं ने एक वायरल पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर किया। जिसके आधार पर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर 50 फीसदी कमीशन वाली सरकार होने का आरोप लगाया गया है।
‘पहले लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे…..’
एफआईआर दर्ज होने के बाद कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट करते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला है। अरुण यादव ने लिखा, जो कांग्रेस पार्टी के नेता अंग्रेजों की फांसियो से नहीं डरे तो उनके तलवे चाटने वाली विचारधारा की एफआईआर से भी नहीं डरने वाले है। हमारे नेता राहुल गांधी कहते हैं ‘डरो मत’। पहले लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे 50 फ़ीसदी कमीशनखोरों से।
जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दें कि प्रदेश में इन दिनों एक पत्र खूब वायरल हो रहा है। इस चिट्ठी में प्रदेश की बीजेपी सरकार पर 50 फ़ीसदी कमीशन वाली सरकार होने का आरोप लगाया गया। इसी चिट्ठी को कई कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था। यह लेटर ‘लघु एवं मध्यम क्षेत्रीय संविदाकार संघ’का संग्राम की कथित संस्था के लेटर हेड पर है। उसमें नीचे की ओर ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम लिखा है। ये लेटर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर लिखा गया है। इसी चिट्ठी को प्रियंका गांधी सहित एमपी कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने शेयर करते हुए शिवराज सिंह चौहान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसी पर अब कार्रवाई की गई है।