उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनावी सरगर्मी नजदीक आ रही है. वैसे ही जुबानी जंग भी तेज होती जा रही है. नेता गर्मी शांत कर देंगे और चर्बी उतार देंगे जैसे बयान दे रहे हैं. दरअसल, हापुड़ में 30 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि ये गर्मी जो अभी कैराना और मुजफ्फरनगर में कुछ जगह दिखाई दे रही है न, ये सब 10 मार्च के बाद शांत हो जाएगी. गर्मी कैसे शांत होगी? ये तो मैं मई और जून में भी शिमला बना देता हूं.
उन्होंने सपा-आरएलडी गठबंधन को लेकर कहा एक बार फिर ये लोग अपने नए कवर से आपके सामने आ रहे हैं. माल तो वही पुराना सड़ा गला है, लेकिन लिफाफा नया है. जिसने दंगा दिया, जिसने माफिया दिए और आज भी वे कहते हैं कि सरकार में आने दीजिए. हमने कहा कि कयामत के दिन तक भी तुम्हारा सपना पूरा नहीं होगा.
10 मार्च के बाद पूरी गर्मी शांत करवा देंगे. वही इन बयानों के जवाब में आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने एक सभा में कहा कि योगी बाबा जो कह रहे हैं कि इनकी गर्मी निकाल दूंगा और मई-जून में शिमला जैसी ठंड हो जाएगी. मुझे लग रहा है कि पिछले हफ्ते जो शीतलहर आई थी, इनका माथा बहुत बड़ा है. जिनके कारण इनको ठंड लग गई है.
साथ उन्होंने कहा कि ईवीएम की मशीन को ऐसा भर दो बटन को ऐसा दबाओ की भारतीय जनता पार्टी को जो चर्बी चढ़ रही है, सारे नेताओं की चर्बी उतार दो आपको बता दें कि पश्चिमी यूपी में प्रचार का शोर चरम पर है.
रोजाना गर्मी बढ़ती जा रही है और गर्मी का जवाब चर्बी से मिल रहा है. चुनावी मौसम में नेता एक दूसरे पर जुबानी तीर चलाने से बाज नहीं आ रहे. मर्यादा ताक पर रखकर कोई किसी की गर्मी उतारने को तैयार है तो कोई चर्बी पिघलाने को अपनी शान समझ रहा है. लेकिन नेताओं के ऐसे बयान का जवाब तो जनता ईवीएम की बटन दबा के देगी.