Brij Bhushan Sharan Singh News: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष सह बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली में देश के कई बड़े पहलवान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। देश के चोटी के पहलवानों ने उनके खिलाफ यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है। देश के तमाम राजनीतिक दल भाजपा पर आरोप लगाते हुए उसे पार्टी से निष्कासित करने के साथ जल्द से जल्द जेल में डालने की मांग कर रही है। वहीं इस मामले पर अभी तक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोई भी टिप्पणी नहीं की है। इतने गंभीर मामले पर भी उनकी चुप्पी को लेकर राजनीतिक पंडित कई तरह के कयास लगा रहे हैं। सूत्रों की माने तो बृजभूषण शरण सिंह भाजपा छोड़ सपा में शामिल हो सकते हैं। यही वजह है कि अखिलेश यादव उनके खिलाफ इतने गंभीर मामले के बावजूद अभी तक एक टिप्पणी नहीं किया है।
अखिलेश यादव को छोड़ सभी दल के नेता पहुंच रहे हैं जंतर मंतर
वहीं पिछले कई दिनों से चल रहे पहलवानों के धरने में देश भर के तमाम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं। अखिलेश यादव के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी तो पहलवानों के समर्थन में 2-2 बार जंतर मंतर पहुंच चुके हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी, कांग्रेस वाम दल सहित देश भर के तमाम विपक्षी दलों के नेता बारी बारी से जंतर मंतर पहुंच कर बृज भूषण के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लेकिन अखिलेश यादव न तो अभी तक इस आंदोलन के बारे में कुछ कहा है न ही बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ़ कुछ बोला है।
बीजेपी भी फैसले लेने से डर रही है
सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि बीजेपी भी इस मामले में कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले 100 बार सोचेगी, क्योंकि पार्टी नहीं चाहती कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में उसका प्रभुत्व कम हो, खासखर उन जगहों पर जहां राजपूत आबादी ज्यादा है। वैसे भी उत्तर प्रदेश में 6 से 7 सीटों पर राजपूत वोटर जीत हार तय करती है। इस वजह है कि उसके खिलाफ़ पूरे भाजपा नेतृत्व चुप्पी साधे हुए है। बीजेपी जानती है कि अगर कोई भी सख्त फैसला अगर बृजभूषण सिंह के खिलाफ़ लेंगे तो वो तुरंत समाजवादी पार्टी में शामिल हो जाएंगे।
इस वजह से होंगे सपा में शामिल
वैसे भी समाजवादी पार्टी में वर्तमान समय में कोई भी बड़ा राजपूत नेता नहीं है। यही वजह है कि सपा बृजभूषण सिंह जैसे प्रभावशाली नेताओं को अपने पाले में करना चाहती है। वैसे भी बृजभूषण सिंग का सपा से पुराना संबंध है।वो समाजवादी पार्टी से सांसद भी रह चूके हैं। एक समय में बीजेपी सांसद रहते हुए यूपीए के पक्ष में वोटिंग करने की वजह से बीजेपी ने उसे पार्टी से निष्काशित कर दिया था। फिर तात्कालिक सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने उन्हें साल 2008 में अपने पार्टी में शामिल कराया था। लेकिन फिर एक बार वर्ष 2013 में वे बीजेपी में वापस लौट आएं।
समाजवादी पार्टी में उनकी वापसी की राह इसलिए भी आसान लगती है, क्योंकि पार्टी में उनके सबसे बड़े विरोधी रहे बिनोद सिंग उर्फ पंडित सिंह अब नहीं है। लेकिन आगे देखना होगा की वे बीजेपी का साथ छोड़ कर सपा में शामिल होते हैं या नहीं।