Air Crisis in indian Airlines: गो फर्स्ट एयरलाइंस के दिवालिया होने के बाद एक बार फिर से देश की एक बड़ी विमानन कंपनी के ऊपर खतरा लटका हुआ है। लो कॉस्ट एयरलाइंस सर्विस देने वाली कंपनी स्पाइसजेट के खिलाफ एक कर्ज दाता की ओर से दिवालिया अर्जी दायर की गई है। इस अर्जी पर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण एनसीएलटी अगले सप्ताह सुनवाई करने वाला है स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला अर्जी पर 8 मई को एनसीईआरटी में सुनवाई होने की संभावना जताई जा रही है।
भारत की सबसे चर्चित एयरलाइंस में से एक स्पाइसजेट को कर्ज देने वाली कंपनी एयरक्राफ्ट लेसर एयरकॉसल (आयरलैंड) लिमिटेड ने दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनसीईआरटी के समक्ष अर्जी लगाई है। यह आवेदन 28 अप्रैल को दाखिल किया गया था। एनसीईआरटी की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक न्यायाधिकरण की प्रमुख 8 मई को इस अर्जी पर सुनवाई करेगी।
वित्तीय संकट के बाद गो फर्स्ट ने ख़ुद लगाई थी अर्जी
इससे पहले वाडिया समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइंस गो फर्स्ट ने खुद ही दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी एनसीईआरटी के समक्ष लगा दी। वित्तीय संकट में घिरने के बाद गो फर्स्ट ने यह अर्जी लगाई है, जिस पर सुनवाई के बाद एनसीईआरटी ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
अदालत के बाहर मामला हल कर लिया जाएगा- प्रवक्ता, स्पाइस जेट
दिवाला प्रक्रिया की अर्जी लगाए जाने पर स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा कि, इस घटनाक्रम का एयरलाइंस के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रवक्ता ने बयान में उम्मीद जताई है कि अदालत के बाहर इस मसले को हल कर लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, इस कर्जदाता का फिलहाल कोई भी विमान एयरलाइंस के बेड़े में शामिल नहीं है। प्रवक्ता ने कहा पट्टे पर विमान देने वाली इस फर्म के सारे विमान पहले ही लौटाया जा चुके हैं।
2 अन्य याचिका भी है लंबित
हालांकि एनसीईआरटी की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के संबंधित दो अन्य याचिकाएं लंबित हैं। विलिस लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन ने दिवाला अर्जी 12 अप्रैल को लगाई थी। जबकि एकर्स बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से अर्जी 4 फरवरी को दायर की गई थी। इन दोनों याचिकाओं के बारे में स्पाइसजेट की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं सामने आई है।