पांच राज्यों में चुनावों को लेकर सियासी पारा गर्म है. लेकिन अगर इस चुनावी मौसम में यूपी के रण की सियासत देखें तो यहां का माहौल कुछ ज्यादा ही गर्म है. कहीं नेता एक दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं. गर्मी और चर्बी उतारने की बात कर रहे है तो कहीं प्रचार के लिए गए नेताओं पर हमले हो रहे हैं. इस सियासी सरगर्मी के बीच उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार के दौरान हुई घटना का एक Video सामने आया है. इस वीडियो में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को उन्होने कांग्रेस का मेनिफेस्टो यानी की घोषणापत्र थमाते नजर आ रही हैं.
दरअसल, प्रियंका गांधी पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां कर रही हैं और जनता को आकर्षित कर यूपी की सत्ता हासिल करना चाहती है और इसी क्रम में उनका चुनावी रथ शनिवार को अलीगढ़ पहुंचा. यहां उन्होंने इगलास और खैर विधानसभा में घर-घर जनसंपर्क अभियान चलाया. चुनाव प्रचार के दौरान एक मौका ऐसा भी आया, जब प्रचार कर रहीं प्रियंका गांधी का रथ बीजेपी कार्यकर्ताओं के करीब से निकला. यहां कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए और प्रियंका को देखते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी.
लेकिन वही प्रियंका ने हालात के नजाकत को समझते हुए फौरन हालात संभालते हुए पार्टी का युवा घोषणापत्र ‘भारती विधान’ उठाया और अपने रथ से नीचे झुककर बीजेपी कार्यकर्ताओं को देने की कोशिश करने लगीं. लेकिन बीजेपी कार्यकर्ता ने उनका चुनावी घोषणापत्र लेने से इनकार कर दिया तो उन्होंने घोषणापत्र की जगह एक किताब ऑफर की हालांकि इस बार दूसरे बीजेपी कार्यकर्ता ने आगे आकर इस किताब को प्रियंका के हाथों से ले लिया. जिसे इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है. इस दौरान प्रियंका ने शनिवार को चुनाव प्रचार में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा उन्होंने सीएम योगी के ‘खून की गर्मी’ वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस लोगों का अहंकार खत्म करने की बात नहीं करती, बल्कि उन्हें रोजगार मुहैया कराने की पैरवी करती है. यहां खड़े कई युवा बेरोजगार हैं. यूपी में करीब 12 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं. प्रियंका के बयान को बाद यूपी कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट से इस वीडियो को शेयर किया गया और उन्होंने लिखा कि इस बार उन्हें वोट दें, जो चर्बी और गर्मी निकालने की बात न करें, बल्कि भर्ती निकालने की बात करने वाले हों.