Women’s Reservation Bill Passed in Loksabha: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम)को मंजूरी मिल गई है। बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े जबकि विरोध में दो वोट पड़े। वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे। अब बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में बुधवार (20 सितंबर) को करीब 70 सांसदों ने भाग लिया। बता दें कि केंद्रीय कानून केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में महिला आरक्षण से जुड़ा 128वां संविधान संशोधन ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023’ को पेश किया था। जिसपर 454 सांसदों ने समर्थन में अपना वोट दिया जबकि 2 सांसदों ने विरोध में वोट किया। चलिए वो दो सांसद कौन हैं?
ये दो सांसदों ने खिलाफ़ में किया वोट
इससे पहले बिल पर हुई चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से कई सदस्यों ने हिस्सा लिया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस बिल पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए। इसमें ओबीसी आरक्षण की मांग की। साथ केंद्र पर ओबीसी की अनदेखी का आरोप लगाया। वहीं राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया। वहीं इस बिल पर एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने चर्चा करते हुए इसमें मुस्लिम और ओबीसी की महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की। साथ ही बिल के वर्तमान स्वरूप का विरोध किया। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि ओवैसी और उनकी पार्टी के एक और सांसद ने इस बिल के खिलाफ़ वोट किया होगा।
राहुल गांधी ने कहा, ‘यह बिल अधूरा है’
वहीं महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि, महिला आरक्षण के समर्थन में हूं। पंचायत चुनाव में महिला आरक्षण एक बड़ा कदम था। उन्होंने कहा कि, इस बिल में ओबीसी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। महिला आरक्षण बिल में ओबीसी आरक्षण नहीं है। उन्होंने कहा कि, ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिले। राहुल गांधी ने कहा यह बिल अधूरा है।
‘अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो…..’
वहीं इस बिल पर सबसे अंत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोलने के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा कि, ओबीसी आरक्षण, परिसीमन का मुद्दा या जनगणना को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, मैं सबको जवाब देता हूं। उन्होंने कहा कि, संविधान में तीन तरह के सांसद आते हैं। जो सामान्य, एससी और एसटी कैटेगरी से आते हैं। यह तीनों कैटेगरी में हमने महिलाओं को 33% आरक्षण दिया है। अब एक तिहाई सीटों पर आरक्षित करना है तो वह सीट कौन तय करेगा? हम करें? अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो कहेंगे हमने राजनीति की है।