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PCOS Treatment: क्या आप भी PCOS की समस्या से जूझ रही हैं? जानिए इसका बेहतर इलाज

PCOS: महिलाओं के शरीर से जुड़ी तो कई सारी समस्या हैं लेकिन इन सबमें से PCOS को जटिल समस्या माना जाता है। अब सवाल है कि आखिर क्या है ये PCOS? पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS जिसे आम भाषा में हम पीसीओएस कहते है, इस परेशानी में महिलाओं के अंडाशय में छोटी-छोटी सिस्ट बनने लगती हैं, जिस वजह से शरीर में मोटापा, अनियमित पीरियड, बांझपन और इंसुलिन प्रतिरोध जैसी समस्याएं हो सकती हैं।ये एक हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसे प्राकृतिक इलाज और लाइफ्सटाइल में कुछ बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। पीसीओएस के सही कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है लेकिन इंसुलिन और टेस्टोस्टेरोन के रेग्युलेशन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।

कुछ स्टडीज में ता चला है कि पीसीओएस की समस्या आनुवांशिक भी हो सकती है, जिसका मतलब है कि अगर आपके परिवार में पीसीओएस से पीड़ित है तो आपको ये दिक्कत होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा भी देखा गया है कि डायबिटीज होने के साथ साथ अगर किसी महिला के पीरियड में अनियमितता है तो ऐसी महिलाओं में भी पीसीओएस होने की संभावना बढ़ जाती है।वैसे तो पीसीओएस का कोई स्टीक इलाज नहीं है लेकिन कुछ दवाएं और ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स इसके लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। विशेषज्ञ इसके लिए जीवनशैली में बदलाव की सलाह देते हैं। इसी दिशा में योग आपके लिए एक कारगर उपाय हो सकता है। योग के माध्यम से न केवल आप पीसीओएस ( Yoga For PCOS) के लक्षणों को कंट्रोल कर सकती है बल्कि इससे होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को भी कम कर सकती है

ये हैं PCOS कंट्रोल करने के कुछ टिप्स

सही डाइड और एक्सरसाइज- जिस तरह से PCOS के लक्षण हर महिला में अलग अग होते हैं उसी तरह इसे रोकने के तरीके भी अलग अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को लाइफ्स्टाइल में बदलाव करके जैसे सही डाइट लेना या रोजाना एक्सरसाइज करने से ही इससे उबरने में मदद मिलती है। अगर आपको शरीर में पसीओएस के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर सबसे पहले आपको अपनी डाइड में कुछ बदलाव करने की सलाह देंगे।

लो -क्लाइसेमिक इंडेक्स डाइट- कई तरह की डाइड PCOS के लक्षणों को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। एसी ही एक डाइड है लो -क्लाइसेमिक इंडेक्स डाइट जो कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स खाने पर फोकस करती है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स धीरे धीरे पचते हैं और ब्लड शुगर और इंसुलिन के लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। एक स्टडी में पता चला है कि लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली डाइट पीसीओएस से जूझ रही महिलाओं की प्रजनन क्षमता में सुधार करने और वजन घटाने में मदद कर सकती है।

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