Supreme Court On Haldwani Railway Land Encroachment: हल्द्वानी जमीन अतिक्रमण मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुनवाई के दौरान जस्टिस ने कहा, “हम रेलवे और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं वहां और अधिक कब्जे पर रोक लगे। फिलहाल हम हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा रहे हैं।”
जज ने आगे कहा कि 1 महीने बाद अगली सुनवाई होगी। हल्द्वानी में अतिक्रमण पर रोक लगा दी गई है। 7 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। सुनवाई करते हुए जस्टिस कॉल ने पूछा कि उत्तराखंड सरकार के वकील कौन है? कितनी जमीन रेलवे की है? कितनी राज्य की? क्या वहां रह रहे लोगों का दावा लंबित है? जज ने आगे कहा, “इनका दावा है कि वर्षों से रह रहे हैं। यह ठीक है कि उस जगह को विकसित किया जाना है, लेकिन उनका पुनर्वास होना चाहिए।”
याचिकाकर्ता के पक्ष के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट को बताया कि पहले रेलवे ने 29 एकड़ कहा, लेकिन फिर 78 एकड़ कहने लगा। एसएसजी ने कहा कि इन लोगों ने कभी पुनर्वास का अनुरोध नहीं किया और यह जमीन को ही अपना बताते हैं। सुनवाई करते हुए जस्टिस ओका ने कहा, “ठीक है हाईकोर्ट ने आदेश दिया, लेकिन किसी ऑथोरिटी को इन लोगों की बातें सुनकर निपटारा करना चाहिए।”
‘1 हफ्ते में खाली करवाना चाहते हैं’
जस्टिस कॉल ने कहा, “2 तरह के लोग हो सकते हैं- एक जिनका दावा बनता है एक जिनका कोई दावा नहीं बनता। आपको जमीन को कब्जे में लेकर विकसित करने का हक है, लेकिन सबको सुनकर बीच का रास्ता निकालना चाहिए।”
सोनिया भाटी रेलवे के लिए पेश हुईं। उन्होंने कहा कि यह सबकुछ रातों-रात नहीं हुआ और पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन हुआ है। वहीं जस्टिस कॉल ने कहा, “लेकिन मानवीय आधार पर मामला देखना चाहिए, तब तक सुनिश्चित करें कि कोई और निर्माण ना हो।” जज ने यह भी कहा कि आप पैरामिलिट्री फोर्स की मदद लेकर 1 हफ्ते में खाली करवाना चाहते हैं। इस पर भी पर विचार कीजिए।
जानिए क्या है पूरा मामला
उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी के बनभूलपुरा और कपूर बस्ती में रेलवे की भूमि पर बने 4000 से अधिक घरों के लोगों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया था इसके चलते इन परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा था।
बतौर रिपोर्ट्स इस इलाके में रेलवे की जमीन पर 50,000 से अधिक लोग अधिकांश मुस्लिम बसे हुए हैं और कुछ परिवार यहां पर कई दशकों से रह रहे हैं।
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 20 दिसंबर को हल्द्वानी में रेलवे की करीब 29 एकड़ भूमि पर हुए इस अतिक्रमण को हटाने का आदेश सुनाया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि रेलवे की जमीन पर कब्जा करने वालों को 1 सप्ताह का नोटिस देकर जमीन खाली करवाई जाए। हाईकोर्ट के नोटिस के बावजूद जमीन खाली नहीं करने वालों को पुलिस और अर्धसैनिक बलों की मदद से बलपूर्वक हटाने का निर्देश भी दिया गया था।