Mainpuri Lok sabha Bye-Election: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट पर उपचुनाव से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव को मनाने की कवायद में जुट गए हैं ।इसी क्रम में उन्होंने गुरुवार को सैफई में अपने चाचा और प्रसपा चीफ शिवपाल यादव से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव भी नजर आए।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर उपचुनाव हो रहा है सपा ने डिंपल यादव को इस सीट से उतारा है जबकि बीजेपी ने रघुराज शाक्य को टिकट दिया है।
अखिलेश और शिवपाल की मुलाकात करीब 1 घंटे चली। दोनों के बीच मैनपुरी चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। मैनपुरी सीट पर वोट बैंक के लिहाज से शिवपाल यादव की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है।मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई ।मैनपुरी लोकसभा सीट को बचाने के लिए पूरा परिवार एक हो गया है। इसके साथ ही यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से चले आ रहे। अखिलेश और शिवपाल के बीच का विवाद भी लगभग खत्म होता नजर आ रहा है। इससे पहले अखिलेश यादव ने सपा के स्टार प्रचारकों की सूची में शिवपाल यादव का नाम शामिल कर रिश्ते सुधारने की शुरुआत की थी।
शिवपाल यादव को जब अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी से स्टार प्रचारक घोषित किया तो उन्होंने भी हामी भर दी। इसके बाद इटावा के सैफई में बुधवार को शिवपाल यादव की कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग हुई ।बैठक संपन्न होने के बाद पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि, शिवपाल सिंह यादव ने डिंपल का समर्थन करते हुए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कहा कि, बहू डिंपल के लिए वोट करो । वो हमारी बहू है उसके लिए लगना है।
बहू के लिए परिवार हुआ एक
इससे पहले तेज प्रताप यादव ने भी मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि, पूरा परिवार एकजुट है। वह स्टार प्रचारक हैं। कहीं किसी तरह की कोई बात नहीं है। बीजेपी के लोग तरह- तरह की बातों को हवा दे रहे हैं। उन को जिताने के लिए सभी लोग एक साथ हैं। तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैनपुरी के लोग हमारे साथ हैं ।उन्होंने बैठक की है जल्दी कार्यक्रम बन जाएंगे और उसके बाद में प्रचार में उतरेंगे।
BJP ने मुलायम के करीबी को दिया है टिकट
भारतीय जनता पार्टी ने मैनपुरी लोकसभा सीट से रघुराज सिंह शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाया है । रघुराज सिंह शाक्य(Raghuraj Singh Shakya) समाजवादी पार्टी से सांसद रह चुके हैं। साथ ही वह मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी थे। उन्होंने अपना नामांकन दाखिल करने से पहले मुलायम सिंह यादव की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने मुलायम सिंह यादव को अपना गुरु भी बताया। शाक्य ने डिंपल यादव (Dimple Yadav) को हराने के लिए मुलायम सिंह यादव के नाम का बड़ा कार्ड खेला है।