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Viral Video: संस्कृत के श्लोक के उच्चारण के साथ अफ्रीकी शख्स ने की कार की पूजा, वीडियो हुआ वायरल

Viral Video: संस्कृत के श्लोक के उच्चारण के साथ अफ्रीकी शख्स ने की कार की पूजा, वीडियो हुआ वायरलViral Video: संस्कृत के श्लोक के उच्चारण के साथ अफ्रीकी शख्स ने की कार की पूजा, वीडियो हुआ वायरल

African Man Recited Sanskrit Slakas: हमारे देश में जब भी लोग छोटी सी छोटी चीज भी अपने घर लाते हैं तो सबसे पहले उसकी पूजा करते हैं। लोग उस वस्तु को इस्तेमाल करने से पहले अपने परंपरा के अनुसार पूजा पाठ करते हैं, उसके बाद से ही नियमित रूप से इसका प्रयोग करते हैं। यह भारत में आम बात है लेकिन जब इस तरह की परंपरा का निर्वहन किसी विदेशी शख्स के द्वारा किया जाए तो यह चर्चा का विषय बन जाता है। आजकल सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक अफ्रीकी शख्स संस्कृत का श्लोक पढ़ते हुए अपनी कर की पूजा कर रहा है। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रहा है। साथ ही लोग इस वीडियो पर कमेंट भी करते नजर आ रहे हैं।


संस्कृत के स्लोक के उच्चारण के साथ कार की पूजा
सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर Ramu GSV नाम के आईडी से यह वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो को अब तक 10 लाख से भी ज्यादा लोगों ने देखा है। इस वीडियो में एक अफ्रीकन पंडित कार की पूजा कर रहा है। इस दौरान वह हिंदू तारीख को से पूजा करने के साथ-साथ सही तरीके से उच्चारण करते हुए संस्कृत के श्लोक का पाठ भी कर रहा है। वह अपने नई कार की सुरक्षा के लिए भगवान से आशीर्वाद मांग रहा है।

वायरल हो रही वीडियो में दिख रहा है कि जब वह भगवान का ध्यान कर रहा है। तभी कार का अगला हुड खुल जाता है। इस ट्वीट का कैप्शन है अफ्रीकी हिंदू पंडित नई कर की पूजा कर रहे हैं।


वीडियो पर लोगों ने किया मज़ेदार कमेंट
यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है। लोग इस वीडियो पर को खूब शेयर भी कर रहे हैं। साथ ही लोग इस शख्स की जमकर तारीफ कर रहे हैं। वहीं इस वीडियो पर कई लोगों ने मजेदार कमेंट भी किए हैं। एक यूजर ने लिखा, ‘वह भारतीय शहरी लोगों से बेहतर उच्चारण कर रहा है। वहीं इसी वीडियो पर एक अन्य शख्स ने लिखा, आज के दिन ट्विटर पर सबसे खूबसूरत चीज देखी है। एक और यूजर ने लिखा, कई वर्षों तक लागोस में रहा, वहां मंदिर का पुजारी एक अफ्रीकी था, हर पूर्णिमा को हम सत्यनारायण पूजा करते थे। कई स्थानीय लोग भी आते थे। सभी त्योहार हम मानते थे।

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