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Unemployment Data: देश में 25 साल से कम उम्र के 42 फीसदी यूवा हैं बेरोजगार, इस यूनिवर्सिटी के सर्वे में हुआ खुलासा

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Unemployment Data in India: देश में बढ़ती बेरोजगारी की चर्चा चारों तरफ हो रही है। विपक्षी दल बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को संसद से लेकर सड़क तक लगातार घेर रही है। लेकिन देश में कितने बेरोजगार हैं इसका पुख्ता आंकड़ा अभी तक नहीं आया था। लेकिन देश की प्रतिष्ठित युनिवर्सिटी अजीम प्रेमजी ने भारत में बेरोजगारों की संख्या की गणना की है। गणना के बाद जो रिपोर्ट आई है उसे देखकर चारों तरफ इसकी चर्चा होने लगी है। रिपोर्ट के मुताबिक 25 साल से कम उम्र के लगभग 42 फ़ीसदी ग्रेजुएट युवा बेरोजगार है। यह रिपोर्ट बेहद ही डरावनी है।

सबसे ज्यादा बेरोजगार 25-29 उम्र के युवा हैं

अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2023 के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा 22.8 फीसदी बेरोजगारी दर 25 से 29 वर्ष के युवाओं के बीच है। उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा प्राप्त करने वाले 25 वर्ष से कम आयु के युवाओं के बेरोजगारी दर 21.4 फीसदी से ज्यादा है।जो सबसे ज्यादा है 35 वर्ष और उससे अधिक आयु के स्नातकों में बेरोजगारी दर 5 फ़ीसदी से कम है। जबकि 40 साल या उससे अधिक उम्र वाले ग्रेजुएट लोगों में बेरोजगारी दर महज 1.6 फीसदी है।

अनपढ़ लोगों में कम है बेरोजगारी दर

रिपोर्ट के मुताबिक 25 साल से कम आयु के अनपढ़ युवाओं में बेरोजगारी दर 13.5 फीस दी पाई गई है। जबकि 40 साल या उससे ज्यादा उम्र के अनपढ़ वर्ग में बेरोजगारी दर 2.4 फीसदी है। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी का यह रिपोर्ट सरकारी आंकड़ों पर आधारित है। एनएसए के रोजगार-बेरोजगारी सर्वे, लेबर वर्कफोर्स सर्वे, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण, उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण, जनसंख्या जनगणना जैसे आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट तैयार किया गया है।

स्वरोजगार के और बढ़ी महिला

रिपोर्ट में कहा गया है कि, देश में बेरोजगारी दर भले ही कमी आई हो लेकिन इनकम लेवल स्थिर बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की इनकम कोरोना महामारी के दस्तक देने से पहले से घटने लगी है। 2004 के बाद से महिला रोजगार दर में या तो गिरावट आ गई रही थी या स्थिर बनी हुई थी। 2019 के बाद से महिलाओं के रोजगार में बढ़ोतरी आई है। महामारी के बड़ी संख्या महिलाओं के स्वरोजगार को अपनाया है। कोरोना महामारी के पहले 50 फ़ीसदी महिलाएं स्वरोजगार में थी और महामारी के बाद ये आंकड़ा बढ़कर 60 फीसदी हो गया है।

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