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Electoral Bond Row: ‘प्रधानमंत्री वसूली भाई की तरह चंदे का धंधा कर रहे हैं’, राहुल गांधी का पीएम मोदी पर गंभीर आरोप

Electoral Bond Row: 'प्रधानमंत्री वसूली भाई की तरह चंदे का धंधा कर रहे हैं', राहुल गांधी का पीएम मोदी पर गंभीर आरोपElectoral Bond Row: 'प्रधानमंत्री वसूली भाई की तरह चंदे का धंधा कर रहे हैं', राहुल गांधी का पीएम मोदी पर गंभीर आरोप

Rahul Gandhi On Pm Modi: कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर जोरदार निशाना साधा है।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने सरकार पर वसूली का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि देश में प्रधानमंत्री ‘वसूली भाई’ की तरह ED, IT और CBI का दुरुपयोग कर ‘चंदे का धंधा’ कर रहे हैं।वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी प्रेस कांफ्रेस कर इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है।

‘प्रधानमंत्री ‘वसूली भाई’ की तरह……‘चंदे का धंधा’ कर रहे हैं’

राहुल गांधी ने लिखा कि, क्या आपको प्रधानमंत्री की ‘चंदा दो, बेल और बिजनेस लो’ योजना के बारे में पता है? देश में प्रधानमंत्री ‘वसूली भाई’ की तरह ED, IT और CBI का दुरुपयोग कर ‘चंदे का धंधा’ कर रहे हैं।रिपोर्ट्स में सामने आया है कि वसूली एजेंट बन चुकी एजेंसियों की जांच में फंसी 30 कंपनियों ने भाजपा को जांच के दौरान 335 करोड़ का चंदा दिया। चंदे का धंधा इतनी बेशर्मी से चल रहा है कि MP की एक डिस्टिलरी के मालिकों ने बेल मिलते ही भाजपा को चंदा दिया।मित्र की कंपनी को बेईमानी से फायदा और बाकियों के लिए अलग कायदा?

‘ये हफ्ता वसूली है’

मोदी राज में भाजपा को दिया ‘अवैध चंदा’ और ‘Electoral Bond’ ही ‘Ease Of Doing Business’ की गारंटी है।एक तरफ कांग्रेस पार्टी के खिलाफ उत्पीड़न और प्रतिशोध की राजनीति हो रही है,वहीं दूसरी तरफ निजी कंपनियों के खिलाफ ED, CBI, IT का दुरुपयोग किया जा रहा है ताकि उनसे हफ्ता वसूली हो सके।यह लोकतंत्र के खिलाफ है, लेकिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सत्ता पाने के लिए सारी हदें पार कर रहे हैं।साल 2018-2023 के बीच करीब 30 निजी कंपनियों के खिलाफ एजेंसियों ने एक्शन लिया।फिर इन्हीं कंपनियों से पिछले चार साल में BJP को 335 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। ये ‘हफ्ता वसूली’ है।

कांग्रेस ने सरकार से पूछा तीन सवाल

मोदी सरकार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर आर्थिक हमला कर, कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।जिस तरह से 2016 में नोटबंदी हुई थी, उसी तरह अब मोदी सरकार कांग्रेस के खिलाफ ‘खाता बंदी’ अभियान चला रही है।लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं, हम इसका डटकर मुकाबला करेंगे।यह ब्लैकमेल की राजनीति है, ‘हफ्तावसूली’ का प्रतीक है।

हमारे तीन सवाल हैं-

  1. जिस तरह मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र प्रकाशित किया था, क्या उसी तरह ‘हफ्ता वसूली’ पर श्वेतपत्र प्रकाशित करेंगे?
  2. BJP सरकार कहती है कि उनकी फंडिंग में पारदर्शिता है, तो क्या चुनाव आयोग ने न्यूज पोर्टल से जो जानकारी ली है, आप उसका खण्डन करेंगे?
  3. अगर आपकी नीयत साफ है तो क्या आप सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच स्वीकार करेंगे?
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