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PM Modi Ukraine Visit: ‘किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं होता’, जेलेंस्की से मिल कर बोले पीएम मोदी

PM Modi Ukraine Visit: 'किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं होता', जेलेंस्की से मिल कर बोले पीएम मोदीPM Modi Ukraine Visit: 'किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं होता', जेलेंस्की से मिल कर बोले पीएम मोदी

PM Modi Meets Zelensky: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव से रवाना हो गए हैं… ट्रेन के जरिए पोलैंड पहुंचेंगे और फिर स्वदेश रवाना होंगे… 1993 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद वह यहां पहुंचने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए… पीएम मोदी का ये दौरा ऐसे समय में हुआ… जब रूस और यूक्रेन के बीच करीब ढाई सालों से जंग जारी है… कीव में पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की… जेलेंस्की से पीएम मोदी के मिलने का अंदाज काफी जुदा रहा… पीएम मोदी ने आगे बढ़कर जेलेंस्की से हाथ मिलाने के बाद उनको गले लगाया… इसके बाद वह जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखकर उनके साथ बातचीत करते रहे… मोदी और जेलेंस्की की ये मुलाकात मार्टिरोलॉजिस्ट प्रदर्शनी में हुई… इस मुलाकात की कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं..

यह युद्ध का समय नहीं है- PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेलेंस्की ने बात करते हुए कहा, “आप और यूक्रेन के लोग भी जानते हैं कि भारत का शांति प्रयासों में सक्रिय योगदान रहा है और आप भी जानते हैं कि हमारा दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित रहा है। मैं आपको और पूरे विश्व समुदाय को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि, यह भारत की प्रतिबद्धता है और हम मानते हैं कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है और हम इसका समर्थन करते हैं। कुछ समय पहले, जब मैं इसके समर्थन में राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मैंने उनसे कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है। पिछले दिनों, जब मैं एक बैठक के लिए रूस गया था, तो मैंने वहां भी स्पष्ट शब्दों में कहा था कि किसी भी समस्या का समाधान कभी भी रणभूमि में नहीं होता है। समाधान केवल बातचीत, संवाद और कूटनीति के माध्यम से होता है और हमें बिना समय बर्बाद किए उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

भारत शांति के हर प्रयास के लिए तैयार- PM मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने होंगे। आज मैं यूक्रेन की धरती पर आपके साथ शांति और आगे बढ़ने के मार्ग पर विशेष रूप से चर्चा करना चाहता हूं। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारत शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें योगदान दे सकता हूं, तो मैं ऐसा जरूर करना चाहूंगा। एक मित्र के रूप में, मैं आपको इसका विश्वास दिलाता हूं।”

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