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New Minister of Bihar: मांझी के बेटे के इस्तीफे के बाद सीएम नीतीश ने इसे बनाया मंत्री, जानिए रिक्शा चालक से कैसे बने मंत्री

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Ratnesh Sada New Minister of Nitish: बिहार में शुक्रवार को नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। जनता दल यूनाइटेड के विधायक रत्नेश सदा ने मंत्री पद की शपथ ली। पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। रत्नेश सदा सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र के विधायक है।

पिछले दिनों जब जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, उसी दिन रत्नेश सदा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन कर पटना आने की सूचना दी थी। उसी वक्त से कयास लगाए जा रहे थे कि रत्नेश सदा को संतोष सुमन की जगह मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।


मुसहर समुदाय को संदेश देने की कोशिश
बता दें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हम प्रमुख जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद सोनबरसा विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाया है। ऐसे में सियासी जानकारों का मानना है कि, नीतीश कुमार जीतन राम मांझी के दलित वोट को काटने के लिए उसी समुदाय से आने वाले रत्नेश सदा को सरकार में शामिल कर एक संदेश देने की कोशिश की है।


मंत्री बनते ही मांझी पर बरसे रत्नेश सदा
मंत्री बनते ही रत्नेश सदा ने ने पुर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर करारा हमला किया है। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने जीतन राम मांझी को शेर की खाल ओढ़े भेड़िया तक बता दिया। उन्होंने आगे कहा कि, मांझी ने मुसहर समाज के लिए अभी तक कोई काम नहीं किया। ऐसी कोई लकीर भी नहीं खींची है जिसे याद किया जाए। सिर्फ उन्होंने अपने बेटे, समधीन और परिवार के लोगों को राजनीति में आगे बढ़ाया है।


तीन बार से लगातर जीत रहे हैं विधनसभा का चुनाव
रत्नेश सदा की राजनीतिक जीवन की बात करें तो वे अभी 49 साल के हैं उन्होंने लगातार तीन बार विधायक का चुनाव जीता हैं। पहली बार उन्होंने साल 2010 में जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। उसके बाद से लगातार तीन बार हुए विधायक चुनकर आए हैं।साल 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी तनी ऋषि देव को 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।


काफी संघर्षों भड़ा रहा है उनका जीवन
रत्नेश सदा के बारे में बताया जाता है कि, उनका जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा है। उनके पिता लक्ष्मी सदा मजदूर थे। वही राजनीति में आने से पहले रत्नेश अदा खुद रिक्शा चला कर अपने परिवार का गुजारा करते थे।इसके बाद वे राजनीति में आए और करीब 30 साल के सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन के दौरान जदयू में कई बड़े पद पर भी रहे।


करोड़पति हैं विधायक
वहीं उनकी संपत्ति की बात की जाए तो रत्नेश सदा ने साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग को दिए जानकारी बताया कि, उनके पास कुल चल और अचल संपत्ति मिलाकर 1 करोड़ 30 लाख की संपत्ति है। वही उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।

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