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Manipur Violence: मणिपुर में नहीं थम रही है हिंसा, अब उपद्रवियों ने मोदी सरकार के मंत्री के घर में लगाई आग

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Manipur Violence: मणिपुर में पिछले 1 महीने से ज्यादा समय से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब उपद्रवियों ने वहां मोदी सरकार में विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के इंफाल स्थित घर पर पेट्रोल बम से हमला कर दिया। हमले के बाद घर जलकर पूरी तरह खाक हो गया। वहीं खबर के मुताबिक जिस वक्त उपद्रवियों ने मंत्री के घर को निशाना बनाया, उस वक्त वहां पर मंत्री जी मौजूद नहीं थे।


अपने घर पर हमला होने के बाद विदेश मंत्री आरके रंजन सिंह ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि, वह अभी आधिकारिक दौरे पर केरल में है। उन्होंने आगे कहा कि शुक्र है कि कल रात में इंफाल स्थित घर में कोई घायल नहीं हुआ। बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे और मेरे घर के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर को नुकसान पहुंचाया गया है।


मंत्री ने लोगों से की शांति की अपील
वहीं मंत्री जी ने‌ आगे कहा- जो कुछ भी हो रहा है उसे देख कर बहुत दुख होता है। मैं अभी लोगों से शांति की अपील कर रहा हूं। हिंसा की घटनाएं जो लोग भी लोग कर रहे हैं वह ठीक नहीं है। वह लोग बिल्कुल अमानवीय काम कर रहे हैं।


सेना तेज कर दिया है अपना अभियान
बता दें कि यह घटना ऐसे समय में हुई जब सेना और असम राइफल्स के जवानों ने राज्य में हिंसा बढ़ने के बाद अपना अभियान तेज कर दिया है। सेना की टुकड़ियों ने गश्त बढ़ा दी है और जहां भी अवरोध लगाए रह गए थे उन्हें हटा दिया गया है। सेना ने ट्वीट में कहा कि, हाल में हिंसा में वृद्धि के बाद सेना और असम राइफल्स के अभियान में तेजी लाई जा रही है।


अमित शाह मणिपुर का कर चूके हैं दौरा
पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के ताजा दौर के बाद कर्फ्यू में ढील को प्रतिबंधित कर दिया गया है।जो जातीय संघर्ष के कारण पिछले 1 महीने से अधिक समय से तनावपूर्ण है। मणिपुर में करीब 1 महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।राज्य में शांति बहाल करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का भी गठन किया था। जिसमें वहां के विपक्षी दलों के नेता और स्थानीय बुद्धिजीवी को भी शामिल किया गया था। वहीं अमित शाह खुद 3 दिनों तक मणिपुर में रह कर पुरे घटना की समीक्षा की थी।


इस वजह से हो रही है हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को पर्वतीय जिले में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थी। मणिपुर की 53% आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों-नगा और कुकी की आबादी 40% है और यह पर्वतीय जिलों में रहते हैं। हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 जिलों में से 11 में अभी भी कर्फ्यू लगा है जबकि पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।

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