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Kisan Protest: जानिए किसान क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन, क्या है इनकी मांगे?

Kisan Protest: जानिए किसान क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन, क्या है इनकी मांगे?Kisan Protest: जानिए किसान क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन, क्या है इनकी मांगे?


Farmer Protest: अपनी कई मांगों को लेकर पंजाब के किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। इन किसानों लो अब देश भर के किसानों का समर्थन मिलना भी शुरू हो गया है। वहीं इससे पहले किसानों को मनाने के लिए केंद्र सरकार ने तीन मंत्रियों को भेजा था। इन लोगों ने किसानों के साथ कई राउंडो की मीटिंग की लेकीन सहमति नहीं बन पाई। जिसके बाद कल (13 फरवरी 2024) से किसान दिल्ली कूच करना शुरू कर दिया है। कल संभू बॉर्डर पर किसानों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी देखने को मिली।

दिल्ली में घुसने की कोशिश करते किसानों की मांग क्या है?

1 – किसानों-मज़दूरों के लिए पूर्ण क़र्ज़ माफ़ी समेत एक व्यापक ऋण राहत कार्यक्रम लागू किया जाए।

2 – राष्ट्रीय स्तर पर भूमि अधिग्रहण क़ानून (2013) को बहाल किया जाए, जिसमें किसानों से लिखित सहमति की ज़रूरत होती है और सर्किल रेट से चार गुना अधिक मुआवज़ा दिया जाए।

3 – किसानों और 58 साल से अधिक आयु के खेतिहर मज़दूरों के लिए प्रतिमाह पेंशन देने की योजना लागू की जाए।

4 – कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फल-सब्ज़ियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए।

5 – मनरेगा को बढ़ाया जाए. दिहाड़ी 700 रुपये की जाए और सालाना 200 दिन का रोज़गार मिले. मनरेगा मजदूरों को कृषि कामों में भी लगाया जाए।

6 – बीज गुणवत्ता मानकों में सुधार के लिए नकली बीज, कीटनाशकों और उर्वरक बनाने-बेचने वाली कंपनियों पर सख़्त कार्रवाई की जाए।

7 – मिर्च, हल्दी और बाक़ी सुगंधित फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की जाए।

8 – सरकार डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुरूप सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP के लिए क़ानून बनाए।

9 – दिल्ली आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए और उनके परिवार के एक सदस्य को रोज़गार भी।

10 – लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले. अक्टूबर, 2021 में घटी इस घटना में आठ लोगों की जान चली गई थी।

11 – बिजली की बराबर पहुंच सुनिश्चित हो, इसके लिए विद्युत संशोधन विधेयक (2020) को रद्द किया जाए।

12 – जल, जंगल और जमीन पर मूल निवासियों या आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित हो।

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