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ICICI Bank Loan Case: चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को मिला जमानत, कोर्ट ने कहा- ‘गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई है’

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ICICI Bank-Videocon fraud Case Update: आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके व्यवसाई पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को बॉम्बे हाई कोर्ट(Bombay High Court) ने जमानत दे दी है। अदालत ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि, ‘इनकी गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई है।’


गिरफ्तारी धारा (41a) के आदेश के अनुरूप नहीं हुई
कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में आदेश को सुनाते हुए कहा कि दंपति की गिरफ्तारी सीआरपीसी की धारा (41a) के आदेश के अनुरूप नहीं है। वही अब सीबीआई मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है। दरअसल, सीबीआई (CBI) ने 24 सितंबर को दोनों को साल 2012 में वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा लोन में धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। सीबीआई ने चंदा कोचर और दीपक कोचर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दोनों सवाल के सही तरह से जवाब नहीं दे रहे थे, साथ ही जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जिसके बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया था।


दंपति के वकील रोहन दक्षिणी ने कहा कि अदालत ने उन्हें इस आधार पर जमानत दी है कि गिरफ्तारी अवैध थी। धारा 41(A) के तहत जारी नोटिस के अनुपालन में सीबीआई के सामने चंदा और दीपक पेश हुए थे। इसके तहत, अगर कोई शख्स पेश होता है तो उसे तब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता जब तक ये नहीं पाया जाए कि वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।


3250 करोड़ रूपए के लोन का है मामला
साल 2012 में ICICI बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ का लोन दिया था। इसमें चंदा के पति दीपक कोचर की 50 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी। वहीं लोन दिए जाने के बाद यह नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट हो गया। बाद में इसे बैंक फ्रॉड घोषित किया गया। साल 2020 सितंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि चंदा कोचर ने पति दीपक की कंपनी को लाभ पहुंचाया। वहीं से इसके खुलासे के बाद साल 2018 में उन्हें बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था।

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