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उचाना कलां में दुष्यंत चौटाला की बड़ी हार, बीजेपी के देवेंद्र चतरभुज अत्री महज 39 वोटों से जीते

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में दुष्यंत चौटाला को बड़ा झटका लगा है। उचाना कलां सीट, जिसे चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता था, वहां से दुष्यंत चौटाला को करारी हार का सामना करना पड़ा है।इस सीट पर बीजेपी के देवेंद्र चतरभुज अत्री ने महज 39 वोटों से जीत हासिल की है.देवेंद्र अत्री को 48788 और बृजेंद्र को 48749 वोट मिले हैं.  कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह के लिए ये बड़े झटके से कम नहीं है. उनको हार का मुंह देखना पड़ा है. 

उचाना कलां की हार का महत्व

उचाना कलां सीट से हारना दुष्यंत चौटाला के लिए व्यक्तिगत और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीट उनके परिवार का परंपरागत गढ़ रही है। उनके दादा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने भी इसी सीट से लंबे समय तक चुनाव लड़ा था। इस हार के बाद चौटाला परिवार की पकड़ इस क्षेत्र में कमजोर होती दिखाई दे रही है।

JJP को बड़ा झटका

दुष्यंत चौटाला की पार्टी JJP ने इस चुनाव में गठबंधन की उम्मीदों के साथ उतरने की कोशिश की थी, लेकिन इस हार ने पार्टी के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। JJP की चुनावी रणनीति और गठबंधन के बावजूद उचाना कलां में हार से पार्टी को गहरा आघात पहुंचा है। दुष्यंत चौटाला की हार पार्टी की कमजोर होती पकड़ का संकेत है।

भाजपा का बढ़ता दबदबा

इस हार का एक प्रमुख कारण भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता को माना जा रहा है। उचाना कलां में भाजपा उम्मीदवार ने मजबूत चुनाव प्रचार और जनाधार के जरिए यह सीट अपने नाम की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि राज्य में भाजपा की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है।

राजनीतिक भविष्य पर सवाल

दुष्यंत चौटाला की इस हार से उनके राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। उनकी पार्टी JJP की यह हार दर्शाती है कि हरियाणा की राजनीति में उन्हें अब नई रणनीति और मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।

उचाना कलां में दुष्यंत चौटाला की हार ने हरियाणा की सियासत में बड़ा बदलाव किया है। चौटाला परिवार के गढ़ में मिली इस करारी शिकस्त से JJP को बड़ा झटका लगा है, जबकि भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता ने यह साबित कर दिया है कि राज्य की राजनीति में उनका दबदबा कायम है।

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