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Budget 2024: ‘दक्षिणी राज्यों को अलग राष्ट्र की मांग उठानी होगी’, बजट को लेकर कांग्रेस सांसद का विवादित बयान

Budget 2024: 'दक्षिणी राज्यों को अलग राष्ट्र की मांग उठानी होगी', बजट को लेकर कांग्रेस सांसद का विवादित बयानBudget 2024: 'दक्षिणी राज्यों को अलग राष्ट्र की मांग उठानी होगी', बजट को लेकर कांग्रेस सांसद का विवादित बयान

Congress MP DK Suresh’s statement: मोदी सरकार ने आज अपने दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार छठी बार बटज पेश की। इस बजट में सरकार ने कई बड़ी घोषणा की। लेकिन अब बजट पर दक्षिण बनाम उत्तर की लड़ाई शुरु हो गई है। बेंगलुरु से कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने एक ऐसा बयानम दे दिया है। जिसके बाद वाद विवाद शरु हो गई है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि, दक्षिण भारतीय राज्यों को अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। दक्षिणी राज्यों से एकत्र धन उत्तर भारतीय राज्यों को दिया जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो हम एक अलग देश की मांग करने के लिए मजबूर होंगे।

‘अलग राष्ट्र की मांग के लिए अपनी आवाज उठानी होगी’

अंतरिम बजट पर बोलते हुए बेंगलुरु से कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने कहा कि,’यह चुनावी बजट है. अंतरिम बजट में सिर्फ नाम बदले गए हैं. उन्होंने योजनाओं के कुछ संस्कृत नाम और हिंदी नाम पेश किए हैं.दक्षिण भारतीय राज्यों को जीएसटी और प्रत्यक्ष करों का हिस्सा केंद्र सही तरीके से नहीं दे रहा है। दक्षिण भारतीय राज्यों को अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। दक्षिणी राज्यों से एकत्र धन उत्तर भारतीय राज्यों को दिया जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो हम एक अलग देश की मांग करने के लिए मजबूर होंगे। केंद्र सरकार को हमसे 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हो रहे हैं और बदले में हमें जो मिल रहा है वह नगण्य है। हमें इस पर सवाल उठाना होगा। अगर इसे ठीक नहीं किया गया, तो सभी दक्षिणी राज्यों को एक अलग राष्ट्र की मांग के लिए अपनी आवाज उठानी होगी।”

आप’ सिर्फ हिंदी बेल्ट पर नजर नहीं डाल सकते- डीके शिवकुमार

वहीं कांग्रेस सांसद डीके सुरेश के बयान पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने जवाब दिया है।उन्होंने कहा कि, ‘डीके सुरेश या किसी अन्य नेता ने दक्षिण भारत के दर्द के बारे में बात की है।एक संतुलन होना चाहिए। पूरा देश एक है।आप’ सिर्फ हिंदी बेल्ट पर नजर नहीं डाल सकते। इस बजट में वित्त का समान वितरण नहीं किया गया है।कर्नाटक केंद्र को काफी राजस्व देता रहा है।पूरे दक्षिण भारत के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। हमें लगता है कि हमें निराश किया गया है। लेकिन पूरा देश एक है। हम भारतीय हैं। भारत को एकजुट होना चाहिए। क्षेत्रवार कुछ भी मांगने का सवाल ही नहीं उठता।’

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