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Amit Shah in Loksabha: मणिपुर के हालात पर गृह मंत्री अमित शाह ने विस्तार से बताया, कहा- ‘इस वजह से वहां हिंसा हो रही है’

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Amit Shah on No Confidence Motion: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में जारी जातिगत हिंसा के मुद्दे पर भी जवाब दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि वहां हिंसा हुई है और कोई भी इससे इंकार नहीं कर सकता। हिंसा की घटनाएं शर्मनाक है, लेकिन इस पर राजनीति करना इससे भी ज्यादा शर्मनाक है। उन्होंने विपक्ष घेरते हुए कहा, आप राजनीतिक चालें चल रहे हैं।
‘…तब से हम कह रहे हैं कि चर्चा होनी चाहिए’
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अपने संबोधन में कहा, देश भर में उन्होंने एक भ्रांति फैलाई की सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है, लेकिन मैं बता रहा हूं कि, जब सदन की तारीख भी नहीं आई थी तब से हम कह रहे हैं कि चर्चा होनी चाहिए। मैं देश को बताना चाहता हूं कि, सरकार ने मणिपुर के लिए क्या किया है। उन्होंने कहा, मणिपुर में नस्लीय हिंसा जब भी हुई, बड़े पैमाने पर हुई। मणिपुर में भाजपा की 6 साल से ऊपर सरकार है। इन 6 सालों में कभी मणिपुर बंद नहीं रहा, कभी हिंसा नहीं हुई।
….तो इस वजह से वहां हिंसा हो रही है
गृह मंत्री ने इसके साथ ही कहा,” 2021 में पड़ोसी देश म्यानमार में सत्ता परिवर्तन हुआ तो वहां मिलिट्री शासन में कुकी लोगों पर अत्याचार होने लगे। क्योंकि म्यानमार का हमारा बॉर्डर खुला हुआ है तो म्यांमार के हजारों कुकी ने मणिपुर और मिजोरम में आकर बसना शुरू कर दिया। इससे वहां की जनसंख्या बदलनी शुरू हो गई।अमित शाह ने कहा, वहां हमारा समझौता है कि, कोई पासपोर्ट नहीं लगता। ऐसे में हमने इसको देखते हुए 2022 में बॉर्डर पर फेंसिंग शुरू किया। हमने जनवरी में वहां पहचान पत्र बनाना शुरू किया और उसके थम से पहचान बनाना शुरू किया।
हाईकोर्ट ने आग में तेल डालने का काम किया
गृह मंत्री ने बताया, “29 अप्रैल को एक अफवाह फैली कि, जंगल क्षेत्र में को गांव घोषित कर दिया गया। इसके बाद मणिपुर की हाईकोर्ट ने आग में तेल डालने का काम किया। बिना किसी को भरोसे में लिए मैतेई समुदाय को ट्राइबल घोषित करने का आदेश दिया। इसी के बाद हिंसा शुरू हुई। यह परिस्थिति जन्य हिंसा हुई।”
मणिपुर की हालात पर पीएम मोदी लगातार नज़र बनाए हुए हैं
अमित शाह ने आगे बताया कि, मणिपुर में पहले से नस्लीय हिंसा होती आ रही है। इससे पहले नरसिंह राव सरकार के दौरान 1993 में  भी‌ नागा-कुकी के बीच हिंसा हुई थी। जिसमें 750 से ज्यादा लोग मारे गए थे। अमित शाह ने कहा कि, हम मणिपुर पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मणिपुर की हालात पर जानकारी लेते रहते हैं। हमारे गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय 23 दिनों तक मणिपुर में रहे जबकि मैं तीन दिन वहां रह कर‌ मणिपुर की हालत की समीक्षा की।

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